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राजधानी पत्रकार उत्पीड़न की घटना हुइ आम, पुलिस का हाथ अपराधियो / भ्रष्टाचारियो के साथ

लखनऊ 26 नवंबर: चिराग तले अधेरा वाली कहावत राजधानी लखनऊ में चरितार्थ होती नजर आ रही है एक तरफ एक तरफ योगी बाबा की सरकार पत्रकारो की रक्षा के लिए बडी बडी घोषणाए करती है धमकी देने वालो पर 50000 का दण्ड देने की घोषणा करती है तो दूसरी तरफ प्रायः किसी न किसी कलम के सिपाही को अपराधियो द्वारा धमकाने की घटना में बड़ा इजाफा होता नजर आ रहा है ताजा मामला लखनऊ से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र समय का उपभोक्ता के सम्पादक के साथ विगत कुछ माह से लगातार धमकियां मिलने की घटनाएं हो रही है जिसके सम्बन्ध में बराबर क्षेत्रीय चौक थाने में तहरीर के माध्यम से एफआईआर भी लिखाई गयी परन्तु थाने में धमकी देने वाले अपराधियो द्वारा चांदी का जूता चलाकर मामले को रफा दफा कर दिया गया परन्तु अब पत्रकार की कलम को दबाने के लिए इनदिनों अपने आप को स्थानीय खुफिया ईकाई का अधिकारी बताने वाले लोगो का पत्रकार के घर पहुचकर शिकायतकर्ता के गुमनाम शिकायती पत्र का हवाला देते हुए अनावश्यक सवाल करके मानसिक उत्पीड़न की कार्यवाही को अंजाम देने की कार्यवाही की जा रही है। जब कि सबसे पहले इनको उस शिकायतकर्ता द्वारा लगाये जा रहे इल्जाम की तहकीकात करनी चाहिए परन्तु जनाब तो बिना तहकीकात किये ही सम्पादक महोदय से मिलने पहुच गये

इस मामले समय का उपभोक्ता समाचार पत्र के संपादक अविजित आंनद से सम्पर्क किया तो उन्होने कहा कि उ प्र पावर कार्पोरेशन के कुछ बड़े भ्रष्टाचारियो के इशारे पर मानसिक दबाव बनाकर पावर कार्पोरेशन मे हो रहे बड़े घोटालो पर जो मेरे द्वारा खोले जा रहे है उनसे बचने के लिए कतिपय उच्च अधिकारियों से मिलकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है परन्तु भ्रष्टाचारियो के विरुद्ध इस लड़ाई में न ही मैं पीछे हटाने वाला हुँ और नही मेरी यह कलम रुकेगी ।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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