राजनीति

राहुल, सोनिया गांधी को ED से झटका, यंग इंडिया और AJL की 751 करोड़ की संपत्ति जब्त किया 

नई दिल्ली 22 नवम्बर :नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) से झटका मिला है. जांच एजेंसी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडिया की 751.9 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली. AJL की संपत्ति की कुल कीमत 661.69 करोड़ रुपए है. यह कार्रवाई दिल्ली, लखनऊ और मुम्बई में की गई है. वहीं, यंग इंडिया की प्रॉपर्टी की कीमत 90.21 करोड़ रुपए है. बता दें कि ईडी कांग्रेस के दोनों नेताओं से पूछताछ कर चुकी है.

ED ने साल 2014 में दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर AJL और यंग इंडिया के खिलाफ PMLA के तहत जांच शुरू की थी. जांच में पाया गया कि इस मामले से जुड़े आरोपियों ने मेसर्स यंग इंडियन के जरिये AJL की सैकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी. आरोप है कि मेसर्स AJL को समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए सरकार द्वारा भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी.

AJL ने 2008 में अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया और संपत्तियों का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया. जांच में पाया गया कि AJL को 90.21 करोड़ का कर्ज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को चुकाना था हालांकि कांग्रेस पार्टी ने 90.21 करोड़ रुपए के इस कर्ज को माफ कर AJL को साजिशन एक नई कंपनी मेसर्स यंग इंडियन को महज 50 लाख रुपये में बेच दिया. आरोप है कि इसके बाद यंग इंडिया के शेयर गांधी परिवार और उनके करीबियों को दे दिए गए यानी AJL की करोड़ों की संपत्ति और यंग इंडिया के जरिये परोक्ष रूप से गांधी परिवार का कब्जा हो गया.

हालांकि इससे पहले AJL ने एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग बुलाई और रेसोलुशन पास किया, जिसके बाद AJL में 1000 से अधिक शेयरधारकों की शेयरधारिता घटकर मात्र 1% रह गई. AJL, यंग इंडिया की सहायक कंपनी बन गई. यंग इंडिया ने एजेएल की संपत्तियों पर भी कब्जा कर लिया. इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस, मोती लाल वोहरा और सुमन दुबे आरोपी हैं. ED इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ भी कर चुकी

वहीं, ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस का बयान भी आ गया है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी द्वारा AJL संपत्तियों की कुर्की की खबरें पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में निश्चित हार से ध्यान हटाने की उनकी हताशा को दर्शाती हैं. पीएमएलए कार्रवाई केवल किसी विधेय या मुख्य अपराध के परिणामस्वरूप हो सकती है. किसी भी अचल संपत्ति का कोई हस्तांतरण नहीं है. पैसों का कोई आवागमन नहीं हो रहा है. अपराध की कोई आय नहीं है. वास्तव में, ऐसा कोई शिकायतकर्ता नहीं है जो यह दावा करता हो कि उसे धोखा दिया गया है, ऐसा एक भी नहीं है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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