वाह रे पावर कार्पोरेशन, अनुभवहीन बडका बाबूओ की गलत नीतियो की वजह से हुआ निलम्बन करे कोई भरे कोई की तर्ज पर हुआ
लखनऊ 24 मई विधान सभा मे बजट सत्र के दौरान महामहिम राज्यपाल महोदया का भाषण चल रहा था अचानक से बिजली चली जाती है और विपक्ष शोर मचाने लगता है आनन फानन मे तीन अभियन्ता और एक सविदा कर्मी के ऊपर गाज गिर जाती है अभियन्ता को निलंबित कर दिया जाता है और सविदाकर्मी अपनी नौकरी से हाथ घो लेता है आइये जानते है कि इसका मूल कारण क्या है इस घटना की जड मे बैठा है एक बडा घोटाला जिसे E R P और अवैध रूप से नियुक्त सबसे बडे बडका बाबू इनका खौफ अभियन्ता संघ के डरपोक पदाधिकारीगण जो कि महा भष्टाचारी है और अपनी गर्दन बचाने के लिए प्रबन्धन के आगे नतमस्तक है अवैध इस लिए कि इनका कार्यकाल पूरा हो चुका है और यह चुनाव नही करा रहे और अपने भष्टाचारी होने की वजह से प्रबन्धन के सामने अपनी जान बचाने को पूर्णतः आत्मसमर्पण कर रखा है जिसका खामियाज अभियन्ताओ और अन्य कर्मचारियो को उठाना पड रहा है गलत नीतियो का विरोध करना वा अपनी बात प्रबन्धन के सामने रखना यही तो संघ का काम होता है परन्तु यहाँ पर तो आवाज ही नही निकल रही । बिना तैयारी E R P लागू होने के बाद से ही
पूरे प्रदेश मे साजो समान व अन्य जरूरी उपकरणो का टोटा हो गया है जिस पर प्रबन्धन ध्यान ही नही दे रहा और खामियाजा अधिकारियो और कर्मचारियो को भरना पड रहा है गलती अनुभवहीन प्रबन्धन की सजा अभियन्ताओ और निविदा कर्मचारियो को भुगतनी पड रही है और अभियन्ता संघ के अध्यक्ष और महासचिव प्रबन्धन के खिलाफ आवाज ना उठा कर अपने सेवानिवृत्त होने और सजा से बचने के लिए मुह छुपाए घूमर रहे है आखिर यह विभागीय यूनियने होती तो आवाज उठाने के लिए परन्तु 25 लाख की गाडी मे धूमने वाले महासचिव महोदय को अभियन्ताओ की गलती ना होने पर भी अवाज उठाने मे डर लगता है आगे आगे देखिए प्रबन्धन की अनुभवहीनता का खामियाजा कितने और अभियन्ताओ को भुगतना पडता है । खैर
युद्ध अभी शेष है