विद्युत विभाग:आस्था के कुम्भ में भ्रष्टाचार की डुबकी लगाते अधिकारी,आपत्तिकर्ता कर्मी पर ही लटकी हटाने की तलवार,खबर है सब को पर बने बेख़बर। प्रबंध निदेशक का प्रयागराज दौड़ा
वाराणसी 24 नवंबर:पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को यू तो भ्रष्टाचार की जड़े खंड स्तर से ले कर उच्च प्रबंधन तक अपनी जड़ों को मजबूती से जमा रखी है पिछले कुछ महीनों में देखा गया है कि भ्रष्टाचार के प्रमाणित मामलो में छोटे कर्मियो पर कार्यवाही का चहेतों को बचाने में प्रबंधन मजबूती के साथ खड़ा दिखा चाहे अवैध लाइन सिफ्टिंग में रंगेहाथों पकड़ा जाना चाहे विद्युत दुर्घटना में दोषी JE को बचाने में कई कई बार जांच करवाना,विभगीय सूत्रों के अनुसार ऐसे मामलों में किसी अधिकारी/कर्मी के शिकायत मिलते ही जांच समिति का गठन होता है फिर सुरू होता है भ्रष्टाचार के चढ़ावे के लेन-देन का खेल जिसने चढ़ाव दे कर भगवान रूपी प्रबंधन को खुश किया उस पर जारी रहता है आशीर्वाद औऱ मिलता है मलाईदार पोस्टिंग का प्रसाद जिसने नही दिया उसको भगवान रूपी प्रबंधन का मिलता है प्रकोप जिसकी अग्नि की ज्वाला उसकी विभगीय किस्मत में दण्ड औऱ संबद्ध के रुप मे लिखा जाता है।
वर्तमान में भी कुछ इसी तरह का मामला चर्चा में है
विद्युत नगरीय निर्माण खंड-प्रयागराज में माघ-मेला 2021-22 में में अस्थाई कैम्प कनेक्शन के लिए 7 फर्मो को सौंपे गए वर्क आर्डर के कामों में हेराफेरी मिलने पर खण्डीय लेखाकार द्वारा बिल पेमेन्ट पर आपत्तियों के साथ वापस कर दिया।
*बिल की जांच के लिए डिस्कॉम प्रबंधन द्वारा बनाई गई 2 सदस्यों की समिति,7 दिनों में मांगी रिपोर्ट*
बिलो के भुगतान करने के लिए भुगतान से पूर्व की जांच प्रक्रियाओं पर आपत्ति मिलने के बाद पूर्वांचल डिस्कॉम ने 2 लेखाकारों के एक कमेटी बनाई औऱ बिलो की जांच कर 7 दिनों में रिपोर्ट मांगी।
बगैर जांच रिपोर्ट आने के बाद भी बिल को भुगतना के लिए अधिषासी अभियन्ता ने ERP पर किया अपलोड, प्रबंधन खोमोश
चांदी की चमक और पैसों की खनक के सामने अंधे हुए डिस्कॉम प्रबंधन औऱ 2 सदस्यों वाली जांच कमेटी की पूरी कृपा मिलने के बाद बिना जांच कमेटी की रिपोर्ट के औऱ लेखाकार की आपत्तियों को दर किनार कर सभी फर्मो के बिलो को भुगतना हेतु ERP पर अपलोड भी कर दिया।
वही आपत्तिकर्ता लेखाकार का तबादला करने के लिए प्रबंध ने मौखिक आदेश मुख्य अभियंता को दे दिए है।
शूत्र बताते है की चाँदी की चमक से आशीर्वाद के रूप में भ्रष्टाचार में लिप्त अभियन्ता को फिर माघ मेला में मिली तैनाती