विद्युत विभाग:उपभोक्ताओ के अधिकारो से मुह मोड़ता प्रबंधन: भारत सरकार औऱ प्रदेश सरकार की छपाई में लगे करोड़ो पानी मे
वाराणासी 22 जुलाई: भारत सरकार के उपभोक्ता अधिकार अधिनियम-2020 में अधिसूचित उपभोक्ताओ के अधिकारों से आम विद्युत उपभोक्ताओ को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा करोड़ो रुपये लगा कर छपाई गई सामग्री को उपभोक्ता सेवा केंद्रों, विद्युत उपकेन्द्रो, वितरण खण्डों में लगाई जानी थी। उपभोक्ताओ के अधिकारों को दर्शाते हुए सरकार के द्वार छापाये गये पोस्टरों को प्रदेश के निगमो में वितरित किये गये थे और सार्वजनिक जगहों पर लगाने के लिये निर्देश थे।
उपभोक्ता के अधिकारी के पोस्टर आते चाय-पानी की सफाई के काम,जिम्मेदारों की आंखे बंद
पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम में भी लाखों पोस्टर भिजवाया गया परन्तु पोस्टरों को वितरण खण्डों,उपभोक्ता केंद्रों, विद्युत उपकेन्द्रो पर लगवाने की जहमत तक नही उठाई गई। पोस्टरों के बंडल के बंडल पूर्वान्चल मुख्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं। औऱ कार्यालयो में चाय-पानी की प्लेटो के नीचे एव गंदगी साफ करने के काम मे लिए जा रहे है।
प्रबंध निदेशक के रूट में पड़े उपभोक्ता के अधिकारो के पोस्टर
पूर्वान्चल में उपभोक्ता अधिकार के पोस्टरों के बंडल मुख्यालय के में गेट के पास ही पड़े है हैरान करने वाली बात तो यह है कि जिस जगह पोस्टरों के बंडल रखे है वह रास्ता पूर्वान्चल के प्रबंध निदेशक के लिए निर्धारित है औऱ प्रबंध निदेशक रोजाना वही से आते-जाते है पर आज तक बंडलों की सुध तक नही ली।
ऊर्जामंत्री के आने पर भी वही हाल:नही लगे पोस्टर
सरकार से लेकर ऊर्जा प्रबंधन तक बिजली उपभोक्ताओं के हितों, उनके उत्पीड़न न होने औऱ उपभोक्ता देवो भवः की सिर्फ बात करटी नज़र आती है आये दिन आम उपभोक्ताओ के लिए बिजली विभाग उपभोक्ता के द्वार का नारा लगाती है पर धरातल पर उपभोक्ता के अधिकारों को बंडल में ही बंद कर कूड़े के ढेर में तब्दील किया जा रहा है। मजे की बात यह भी है कि पिछले दिनों ऊर्जामंत्री भी बंडलों के पास से गुजरे,प्रबंध निदेशक शम्भू कुमार भी थे पर उपभोक्ता के अधिकारों पर नज़र नही पड़ी।