विद्युत विभाग:कुम्भ-2019 घोटाले के आरोपी करते दूसरे आरोपी की जांच:दबंग अवर अभियंता पर नही कोई आँच
. पार्ट -2
वाराणासी 26 सितम्बर:पूर्वान्चल जीसी विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक,शम्भू कुमार के राज में भ्रष्टाचारी अवर अभियंता करता बिना वेतन के काज। पूर्वान्चल निगम का हाथ भ्रष्टाचारी अवर अभियंता/सहायक अभियंता के साथ।
आज तक पूर्वान्चल निगम से नही हुई कोई कार्यवाही
पूर्वान्चल निगम में चहेतों भ्रष्टाचारी अवर अभियंता को बचाने में जाँच कछुआ की चाल से चलाने में महारत हाशिल कर ली है निगम के मुखिया से लेकर प्रबंधन के तमाम अधिकारियो तक भ्रष्टाचारी अवर अभियंता की कहानियों की पाती पहुँचती रही परन्तु भ्रष्टाचार में लिप्त अवर अभियंता पर कार्यवाही के नाम पर उसका गोरखपुर आजमगढ़ क्षेत्रो में बगैर वेतन के मलाईदार पदों पर तबादला करते रहे।
#विपिन सिंह बतौर अवर अभियंता संतकबीरनगर में वर्ष-2016 से तैनात रहे जहाँ पर करोड़ो का भ्रष्टाचार किया।
#पूर्वान्चल निगम के द्वारा अनुसानात्मक कार्यवाही को छुपाते के कारण UPPCL ने विपिन सिंह को सहायक अभियंता पद पर प्रमोशन कर दिया।जाँच चल रही हैं वेतन नही मिल रहा है।
#पूर्वान्चल निगम ने विपिन सिंह की विद्युत कार्यशाला खंड-आजमगढ़ में तैनात किया जहां पर विपिन सिंह 18.12.2018 से 05.07.2022 तक तैनात रहे। पिछले 4 वर्षों से जाँच चल रही हैं वेतन नही मिल रहा है।
#पूर्वान्चल निगम ने 05.07.2022 के बाद विपिन सिंह का तबादला विद्युत माध्यमिक कार्य खंड-मोहद्दीपुर, गोरखपुर में किया। जाँच चल रही हैं पिछले 6-7वर्षी से वेतन नही मिल रहा है।
कुम्भ-2019 घोटाले के आरोपी मुख्य अभियंता, आशुतोष करते जाँच
वर्ष-2016-17 से करोड़ो के घोटाले की जांच गोरखपुर से चलते हुए अब मुख्य अभियंता, आजमगढ़ को मिली हैं। इस बीच अवर अभियंता सहायक अभियंता बन गये औऱ बिना वेतन के काम कर रहे है।
RAPDRP योजना पार्ट-B में किया करोड़ो का घोटाला
वर्ष-2016-2017 में अधीक्षण अभियंता, बस्ती के अंतर्गत संतकबीर नगर में विपिन सिंह बतौर अवर अभियंता तैनाती के दौरान करोड़ो का घोटाला करने के बाद भ्रष्ट अवर अभियंता का पूर्वान्चल निगम औऱ UPPCL प्रबंधन की कृपादृष्टि से सहायक अभियंता पर प्रमोशन हो जाता है। अवर अभियंता ने खलीलाबाद टाउन में सामग्री आपूर्ति एवं कार्य के लिए मेसर्स बिकोलरी प्राइवेट लिमिटेड,कोलकाता के साथ हुऐ 3 करोड़ 11 लाख 238 रूपये के अनुबंध के आधार पर प्राप्त सामग्री को गायब कर दिया बार-बार इसके संबंध में अवर अभियंता ने अभिलेख उपलब्ध नही कराये, कार्य मापन पुस्तिका भी गायब कर दी गई।
6-7 वर्षो से आज तक जांच चल रही है पर न तो सामग्री का पता चला न ही कार्य मापन पुस्तिका का, मामला मुख्यमंत्री के दरबारियो के पास पहुँचा औऱ जवाब-तलब होने पर विभाग के अधिकारियों द्वारा अपनी गर्दन को बचाने के लिए मई वर्ष-2023 में अधीक्षण अभियंता, बस्ती ऐ०के०आर्य ने खलीलाबाद कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत करा दिया।
भ्रष्टाचार के विरुद्घ शेष है युद्ध………..