विद्युत विभाग:कैंसर के मुहाने पर पत्नी:सेवानिवृत्त अधिकारी को ढाई साल से नही मिली पेंसन:शम्भू भरोसे परिवार
वाराणसी 10 मार्च:””””””हाले पूर्वान्चल”””””””शम्भू राज में संभव”””””””’पूर्वान्चल विद्युत निगम सेवानिवृत्त हुए करीब ढाई साल बीतने को हैं। लेकिन अभी भी पेंशन की पत्रावली लटकी हुई है। इसका मूल कारण नो ड्यूज का न मिलना बताया जाता है। यह कहानी है बिजली विभाग के सेवानिवृत मुख्य अभियंता अनूप चंद्रा की।
हाले विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. (पूर्वांचल-डिस्कॉम) मुख्यालय वाराणसी से सेवानिवृत्त हुए अनूप चंद्रा को करीब ढाई साल होने को हैं, लेकिन अभी भी उनको विभाग से नो ड्यूज का इंतजार है। नो ड्यूज न मिलने से उनका पेंशन अधर में लटका हुआ है। जबकि उनकी पत्नी कैंसर पीड़ित है ओर उनका इलाज बेंगलुरु में चल रहा है।
पूर्वान्चल निगम के जानपद इकाई का कारनामा
आर्थिक रूप से परेशान अनूप चंद्रा ने इस बात की शिकायत विद्युत पेंशन परिषद के पदाधिकारियों से की तो उन्होंने इस गंभीर प्रकरण को शासन और विभागीय प्रशासन के सामने रखा है। दरअसल, पूर्वांचल-डिस्कॉम के मुख्य अभियंता (प्रशासन) के पद से अनूप चंद्रा 30 सितंबर 2021 अर्थात लगभग ढाई वर्ष पूर्व सेवानिवृत हुए। हुए। सेवानिवृत्ति के बाद निर्धारित दिन के अंदर उनको विभाग से नो ड्यूज मिल जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ। विद्युत पेंशन परिषद के पदाधिकारियों के अनुसार, पूर्वांचल-डिस्कॉम मुख्यालय के अधीन विद्युत जानपद (वितरण) के अधिशासी अभियंता कार्यालय से सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता को अभी तक नो ड्यूज प्रदान नहीं किया गया है। जिसके कारण इस सेवानिवृत्ति मुख्य अभियंता का पावर कॉरपोरेशन मुख्यालय से पेंशन का निस्तारण नहीं किया गया। बल्कि इसके स्थान पर उनको ‘प्रोविजनल पेंशन’ दिया जा रहा है, जिसकी अवधि 30सितंबर 2022 को समाप्त हो गयी । निर्धारित तिथि के बाद उनको प्रोविजनल पेंशन भी नहीं मिल रहा ।
शम्भू के दरबार मे लगा चुके है फ़रियाद
सेवानिवृत्त अनूप चंद्र के द्वारा निगम के मुखिया के दरबार मे भी फ़रियाद की जा चुकी है परंतु पूर्वान्चल मुखिया के द्वारा फ़रियाद पर कोई सुनवाई नही किये जाने से जानपद इकाई निरंकुशता की पराकाष्ठा को पर कर चुकी है।पावर कॉरपोरेशन सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार यदि सेवानिवृत कर्मचारी को किसी गंभीर अपराध या कदाचार का दोषी पाया जाता है तो प्रशासन को पेंशन या उसके किसी भी हिस्से को रोकने या वापस लेने का अधिकार हैद्ध परंतु सेवानिवृत मुख्य अभियंता अनूप चंद्रा का कहना है कि उनके विरुद्ध पावर कारपोरेशन में ऐसा कोई प्रकरण नहीं चल रहा है। फिर भी उनके पेंशन का निस्तारण नहीं किया जा रहा है।
पूर्वान्चल निगम की कहानी
पूर्वांचल डिस्कॉम में मुख्य अभियंता प्रशासन ण्द से 30 सितम्बर 2021 को हुए रिटायर्ड
विद्युत जानपद (वितरण) खंड के एक्सईएन कार्यालय से अभी तक नहीं मिली अनापत्ति
अनापत्ति प्रमाण-पत्र न मिलने से सेवानिवृत्त अधिकारी अनूप को नहीं मिल पा रही पेंशन,
पूर्वान्चल निगम के मुखिया समेत दरबारियो की एवं जानपद इकाई की तानाशाही होती उजागर
पावर कॉरपोरेशन सूत्रों की माने तो प्रदेश शासन के निर्देशानुसार किसी कार्मिक के सेवा पूर्ण होने के पश्चात पेंशन का निस्तारण 90 दिन में करना अनिवार्य है। लेकिन सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता अनूप चंद्रा के पेंशन का निस्तारण करीब ढाई साल बाद भी न होने से विभागीय कामकाज की लापरवाही को उजागर करता है। इस प्रकरण को लेकर कर्मचारी संगठनों में भी खासी नाराजगी है। यहां यह बताना लाजिमी है कि केंद्र सरकार अपने कार्मिकों के सेवा के अंतिम दिन सेवानिवृत्ति लाभ के समस्त भुगतान कर देती है।परंतु आज तक उनके प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया।
क्या है पूरा मामला:बगैर आवेदन के किया गया आवास आवंटित पत्नी कैंसर पीड़ित और बेंगलुरु में चल रहा इलाज, विद्युत पेंशन परिषद ने उठाया प्रकरण
मुख्य अभियंता अनूप चंद्रा पूर्वांचल-डिस्कॉम से 30 सितंबर 2021 को सेवानिवृत हुए हैं। उन्होंने भिखारीपुर-वाराणसी के हाईडिल कॉलोनी में बगैर आवेदन के जानपद इकाई के द्वारस आवास आवंटित हुआ था,परन्तु उनके द्वारा आवास का कब्जा भी नहीं लिया। अनूप चंद्र विभागीय गेस्ट हाउस में कमरा लेकर रह रहे थे जिसके भुगतान नियमित उनके द्वारा किया जाता रहा। बावजूद इसके विद्युत जानपद के अधिशासी अभियंता कार्यालय से उनको अभी तक आवास का ‘नो ड्यूज’ जारी नहीं किया गया। जबकि उनकी पत्नी को पिछले दो वर्षों से कैंसर है और उनका इलाज वे बेंगलुरु में रहकर करा रहे हैं।