विद्युत विभाग:खन-खन की करें आवाज,ई०टेडरिंग में काला बाजार,पैसा बोलता है सभी को तौलता है
वाराणसी 5 अप्रैल:प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों में क्रय/कार्य/मैनपावर आदि की अप्लाई के लिए निविदाओं के आमंत्रण/निमंत्रण औऱ लिए पारदर्शी औऱ प्रतिस्पर्धा कायम रखने औऱ भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर ई०निविदा पोर्टल लॉन्च किया,जिसमे तमाम संबंधित अधिकारियो/कर्मचारियो के कार्यो का निर्धारण औऱ पदानुसार पावर प्रदान कर समयबद्धता निर्धारित की। जिसके माध्यम प्रदेश के समस्त विभागों में समस्त निविदाओं का निस्तारण किया जाएगा। ई०निविदा पोर्टल के आ जाने से भ्रष्ट अधिकारियों/कर्मचारियो के काले कारनामो पर रोक लगने लगी,परंतु समयांतराल के बाद काली कमाई में माहिर भ्रष्ट लोगो ने इसमें भी सेंध मारी कर भ्रष्टाचार के नये नये तरीके इजात किये औऱ अपने पदानुसार मिले पावर का इस्तेमाल कर पुरानी परंपरा कायम रखी औऱ अपने चहेतों को टेंडर देने लगे।
ई०टेडरिंग में भ्रस्टाचार की खबरों का आना भी शुरू होता रहा औऱ कार्यवाही भी होती रही।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन में भी भ्रष्टाचार का बोल बाला के बीच ई०टेडरिंग में भ्रष्टाचार की खबरे मध्यांचल से ले कर पूर्वान्चल निगमो से आने लगी।
मध्यांचल में पिछले दिनों एक अधीक्षण अभियंता पर चहेते को टेंडर देने की खबर सुर्ख़ियो में रही,ख़बर चलने के बाद अधीक्षण अभियंता ने आनन फानन में टेंडर निरस्त कर दिया।
पूर्वान्चल में तो विंध्याचल माई घाम,मिर्जापुर के सौंदर्यीकरण औऱ कॉरिडॉर के निर्माण में अंडर ग्राउंड केबलिंग के काम मे ही अधीक्षण अभियन्ता ने भ्रष्टाचार कर डाला,मिर्जापुर सूत्रो के अनुसार लगभग 2 करोड़ की बंदर बांट कर टेंडर दिया गया जिसमें विभाग को भी करोड़ो का नुकसान हुआ।अंडर ग्राउंड केबलिंग की राशि सरकार के द्वारा बिजली विभाग को देनी है।खबर चलने के बाद अधीक्षण अभियंता टेंडर देने में पूरी ईमानदारी का पालन किया इसकी बात पर कायम है और पूर्वान्चल मुखिया भी ख़ामोश है।
चांदी की चमक और पैसों की खनक से सब कुछ मैनेज होने से ज्यादातर मामले काग़जी कार्यवाही के मकड़जाल में फंसा कर मामला बंद कर दिया जाता है।