विद्युत विभाग:पूर्व चैयरमैनएम०देवराज० से उत्पीड़ित सेवानिवृत्त,अधिषासी अभियन्ता सदगुरू प्रसाद, को मुख्य अभियन्ता स्तर-2 के पद पर नोशनल पदोन्नत किया गया
वाराणासी 28 अगस्त:उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में पूर्व चेयरमैन के नियमो के विरुद्ध अधिषासी अभियन्ता की वेतनवृद्धि रोके जाने से जुड़े मामले में ऊर्जा प्रबंध को अपना आदेश खारिज़ करने के बाद अधिषासी अभियन्ता को सेवानिवृत्त के बाद मुख्य अभियंता स्तर-2 पर प्रोन्नति देनी पड़ी।
सेवानिवृत्त अधिषासी अभियन्ता सदगुरू प्रसाद,तत्कालीन अधिषासी अभियन्ता,बागपत में तैनाती अवधि में जांचोपरांत अनियमितता के लिये प्रबंध निदेशक,पश्चिमांचल निगम,मेरठ के आदेश दिनांक-29.06.2020 द्वारा निंदा प्रविष्ट के साथ संचयी प्रभाव से एक वेतनवृद्धि रोकने औऱ 51,500 रुपये का विधिक अग्रिम डालने की शास्ति प्रदान की थी,प्रदत्त दण्डादेश के विरुद्ध लोक सेवा अधिकरण,लखनऊ में याचिका संख्या-727/2021 योजित की,जिसमे मा०अधिकरण ने अपने आदेश दिनांक-16.09.21 के द्वारा निगम के दण्डादेश को निरस्त कर अपने आदेश का अनुपालन 03 माह में पालन करने का आदेश पारित किया
पावर कारपोरेशन का उच्चन्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हारने के बाद किया आदेश का पालन,अधिषासी अभियन्ता सदगुरू प्रसाद, को दिनांक-28.08.2020 से मुख्य अभियन्ता स्तर-2 के पद पर दी नोशनल प्रोन्नति
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने मा०अधिकरण के आदेश दिनांक-16.09.21 के विरुद्ध उच्चन्यायालय,लखनऊ में याचिका संख्या-18762/2021 योजित की,जिसको मा०उच्चन्यायालय, लखनऊ ने अपने निर्णय दिनांक-27.04.2023 को ख़ारिज कर देने के बाद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अपने आदेश दिनांक- 25.08.23 के द्वारा सेवानिवृत्त अधिषासी अभियन्ता सदगुरू प्रसाद, को दिनांक-28.08.2020 से मुख्य अभियन्ता स्तर-2 के पद पर नोशनल प्रोन्नति किया।
*चेयरमैन से बिजलीकर्मचारियों का आग्रह*
बिजलीकर्मचारी का कहना है कि नवागत चेयरमैन को पूर्व चेयरमैन एम०देवराज के ऐसे तमाम आदेशो की समीक्षा करनी चाहिए जिससे विभागीय नियमो को अनदेखा कर आदेश जारी किये गये हो जिससे गलत आदेशो का बचाव करने में विभाग के पैसों की न्यायालयो में अनावश्यक बर्बादी न हो और विभाग की छवि भी धूमिल न हो, साथ ही उत्पीड़ित बिजलीकर्मचारियों को समय पर न्याय मिल सके।