पूर्वांचल

विद्युत विभाग:प्रदेश की जनता ने झेला भीषण गर्मी में विद्युत अव्यवस्था का प्रकोप:कुम्भकर्णी नींद के बाद जागे ऊर्जा प्रबंधन ने बिजली व्यवस्था के लिए अब जारी किए जोन को 20 करोड़

वाराणासी 7 जुलाई:ऊर्जा प्रबंधन की बिजली व्यवस्था के लिए समय से नीतियाँ औऱ कार्ययोजना न बनाने के कारण भीषण गर्मी में जर्जर तारो के जलने, ट्रिपिंग होने, ट्रांसफार्मरो के जलने औऱ फेल होने से चरमराई बिजली आपूर्ति औऱ ऊर्जा खपत की अत्याधिक मांग के लोड को मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के न झेल पाने औऱ सही समय पर इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड न कर पाने से प्रदेश के साथ पूर्वान्चल की ग्रामीण औऱ शहरी उपभोक्ताओ को कई-कई घंटों बिजली गुल रहने से आई परेशानियों के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री की नाराज़गी दिखाने के बाद ऊर्जा प्रबंधन ने बिजली की डामडोल व्यवस्था के लिए अपनी खामियों को छुपाते हुए तमाम अधिकारियो को कारण बताओ नोटिस तो किस पर वसूली के फरमान जारी कर उत्पीड़न शुरू कर दिया।
भला हो इंद्र देवता का जिनकी वज़ह से प्रदेश की जनता के साथ बिजली विभाग ने बारिश होने से घाटी बिजली डिमांड से राहत की सांस ली।

अब जा कर ऊर्जा प्रबंधन ने बिजली व्यवस्था औऱ जर्जर इंफ्रास्ट्रक्चर को सही करने के लिए जोन को 20 करोड़ रुपया की घनराशी जारी की है जिसके तहत वाराणासी को भी 20 करोड़ रुपइया मिला है।

इस धनराशि से जर्जर एबीसी, हाईटेंशन तार और अन्य बिजली उपकरण खरीदे जाएंगे। डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों के साथ पावर ट्रांसफार्मरों की भी खरीदारी होगी।

अगर यही कार्ययोजना/नीति पहले फरवरी-मार्च में बनी होती तो आम उपभोक्ता भीषण गर्मी में बिजली अव्यवस्था से दो-चार न होता औऱ न ही अनावश्यक बिजलिकर्मियो/अधिकारियों का उत्पीड़न होता।

जितनी तेजी से प्रदेश में उपभोक्ता बड़ कर लगभग 3.50 करोड़ हो गए उतनी तेजी से ट्रांसफार्मरो की क्षमतावृद्धि औऱ जर्जर तारो के साथ उपकेन्द्रो का अपग्रेडेशन नही हुआ,जिसकी जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नही है अभियन्ता ऊर्जा प्रबंधन को जिम्मेदार बता रहा है तो ऊर्जा प्रबंधन अभियंताओ को जिम्मेदार मान कर कार्यवाहियां कर रहा है औऱ इन सबके बीच आम उपभोक्ता पिस रहा है जो नियमित बिजली का बिल भर रहा है।

वाराणासी सहित पूरे जोन में विभिन्न कार्यो की बनी योजना

20 करोड़ रुपइया को खर्च करने के लिए कार्ययोजना बना कर बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड करने के लिए मुख्य अभियंता ने एक समिति का गठन किया जिनके साथ वाराणसी जोन के 4 जिलों के अभियंता देर रात तक स्टीमेट बनाते रहे। वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर की तरफ से 20 करोड़ रुपए का एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है। हालांकि चंदौली गाजीपुर एस्टीमेट सबसे बाद में आया था मुख्य अभियंता अनूप कुमार वर्मा ने एमडी शंभू कुमार को इससे अवगत करा दिया है। मुख्य अभियंता ने बताया कि एस्टीमेट भेज दिया गया है।शीघ्र निविदा निकालकर काम शुरू करा दिया जाएगा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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