विद्युत विभाग:मा०उच्चन्यायालय ने पूर्व चेयरमैन के एक औऱ आदेश को किया निरस्त:10 माह बाद एम०देवराज के जाने के बाद हुआ आदेश का अनुपालन
वाराणासी 22 अगस्त:मा०उच्चन्यायालय में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में पूर्व चेयरमैन के नियमो के विरुद्ध जारी कार्यवाहियों के आदेशो को एक के बाद एक निरस्त होते देखा जा सकता है। हाल में ही एक बर्खास्तगी के मामले में उच्चन्यायालय ने कड़ी टिप्पणी की औऱ नियमो की अनदेखी करने पर पूर्व चेयरमैन औऱ UPPCL चेयरमैन को तलब किया है औऱ एक अधिषासी अभियन्ता की वेतनवृद्धि रोकें जाने के मा० अधिकरण, लखनऊ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट तक ने सही ठहराया।
पूर्व चैयरमैन के द्वारा बिजली अभियंताओ औऱ कर्मचारियों के उत्पीड़न किये जाने का संघर्ष समिति का विरोध समयानुसार सही साबित हो रहा है
ताजा मामला भी एक सहायक अभियन्ता योगेंद्र सिंह यादव से जुड़ा हुआ जिनो पदावनत करने के आदेश को मा०उच्चन्यायालय ने दिनांक-20.10.22 के आदेश के द्वारा निरस्त किया जा चुका था,पर उसका अनुपालन नही किया गया था एम०देवराज के जाते ही प्रबंधन ने आदेश का अनुपालन कर सहायक अभियंता को राहत प्रदान की।
पूर्ववर्ती राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष-2005-06 में प्रदेश के 14 जिलो में ग्रामीण क्षेत्रो में किये गये विद्युतीकरण में वित्तिय अनियमितता के संबंध में खुली जांच सतर्कता अधिष्ठान से कराई गई, जिसमे संबंधित कर्मचारियो के विरुद्ध अभियोजन पंजीकृत कराकर सतर्कता अधिष्ठान से अन्वेषण कराये जाने का निर्णय दिनांक-19.06.2019 को लिया गया। संबंधित कार्मिकों में तत्कालीन अवर अभियंता योगेंद्र सिंह यादव भी अंतग्रस्त किया गया।
दिनांक-16.10.2019 को विभागीय चयन समिति के द्वारा योगेंद्र सिंह यादव को सहायक अभियंता अभिज्ञान संख्या-2019064 के पद पर प्रमोशन मिला। उसके बाद कारपोरेशन के आदेश दिनांक-04.02.2021 के द्वारा योगेन्द्र सिंह यादव का सहायक अभियंता पर प्रमोशन निरस्त कर पदोनत्ति मोहर बंद लिफ़ाफ़ा क्रियान्वित मान गया।
कारपोरेशन के सहायक अभियंता पद पर प्रमोशन निरस्ती के आदेश के विरुद्ध योगेन्द्र सिंह यादव द्वारा मा०उच्चन्यायालय, प्रयागराज में याचिका संख्या-6422/2022 योजित की, जिसमे मा०उच्चन्यायालय ने याचिकाकर्ता के मामले में, सितंबर 2021में जवाबी हलफनामा दाखिल करने की तारीख तक, जांच अधिकार/सतर्कता अधिकार के द्वारा ट्रायल कोर्ट के समक्ष आरोप पत्र दाख़िल नही किया गया था, इस लिए लागये गये आदेश को रद्द किया कर 20.10.2022 को आदेश पारित कर 6 सप्ताह में अनुपालन कर परिणामी आदेश जारी करने का आदेश किया।
10 माह तक मा०उच्चन्यायालय का आदेश दबाये बैठे
मा०उच्चन्यायालय के आदेश दिनांक-20.10.2022 के अनुपालन में 10 माह बाद योगेन्द्र सिंह यादव को दिनांक-26.10.2019 के द्वारा अवर अभियंता से सहायक अभियंता पर प्रमोशन के आदेश को बहाल करते हुए अपने आदेश दिनांक-04.02.2021, जिसके द्वारा योगेन्द्र सिंह यादव का प्रमोशन वापस लिया गया को निरस्त करने का आदेश दिनांक-21.08.2023 को जारी किया।