विद्युत विभाग:मा०उच्चन्यायालय ने पूर्व चेयरमैन के 2 आदेश को किया निरस्त:चेयरमैन का आदेश संविधान के अनुच्छेद-14 के विपरीत
वाराणासी 29अगस्त:”””””“”तानाशाही के आदेशों के मिलता निजात””””””पूर्व चेयरमैन के तानाशाही पर संघर्ष समिति के आरोप को मिलता बल”””””‘”” मा०उच्चन्यायालय में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में पूर्व चेयरमैन के नियमो के विरुद्ध जारी कार्यवाहियों के आदेशो को एक के बाद एक निरस्त होते देखा जा सकता है। हाल में ही एक बर्खास्तगी के मामले में उच्चन्यायालय ने कड़ी टिप्पणी की औऱ नियमो की अनदेखी करने पर पूर्व चेयरमैन औऱ UPPCL चेयरमैन को तलब किया है।
दूसरे मामले में एक अधिषासी अभियन्ता की वेतनवृद्धि रोकें जाने के खिलाफ मा० अधिकरण, लखनऊ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट तक ने सही ठहराया।
ताजे मामले में भी मा०उच्चन्यायालय ने पूर्व चेयरमैन को बिना स्पष्ट आरोपो औऱ जरूरी दस्तावेजो के प्रथम दृष्टया आरोपो पर दंडनात्मक कार्यवाही के आदेश दिनांक-27.07.23 को संविधान के अनुच्छेद-14 के विपरीत होने पर निरस्त कर दिया।
1-याचिका संख्या-6204/2023 नवल किशोर श्रीवास्त बनाम उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा चेयरमैन
2-याचिका संख्या-7269/2023 रमेश चंद्र बनाम उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा प्रबंध निदेशक,लखनऊ
दोनों ही याचिकाओं एक समान प्रवर्ति की थी,मा०उच्चन्यायालय ने याचिकाओं को स्वीकार करते हुए बिजलीकर्मचारियो को राहत दी।