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विद्युत विभाग:मा० न्यायालय ने विधिक प्रकीर्ण की वसूली के आदेश पर लगाई रोक:विभाग से मांगा जवाब

वाराणासी 18 जुलाई: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में विगत दिनों भीषण गर्मी में डामडोल हुई प्रदेश की बिजली व्यस्था औऱ ओवरलोडिंग के कारण फूंकते ट्रांसफार्मरो की वज़ह से घंटो प्रभावित हुए विद्युत आपूर्ति पर मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी औऱ नीतिगत नाकामियों को छुपाते हुए डामडोल व्यवस्था के लिए वितरण के अभियंताओ/अवर अभियन्ती को जिम्मेदार ठहराते हुए जल रहे ट्रांसफॉर्मरों के नुकसान की ज़िम्मेदारी अभियन्ता औऱ अवर अभियंता पर डालते हुए उनपर विधिक प्रकीर्ण दर्ज कर उनके वेतन से वसूली के आदेश जारी किये गए थे।

चेयरमैन के निर्देश पर जारी मनमाने आदेश

UPPCL के सभी निगमो मे शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन के निर्देश पर पूरे प्रदेश में सहायक अभियंतो औऱ अवर अभियंतो पर विधिक प्रकीर्ण डाल कर वसूली के आदेश स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी किए गये।

वसूली के आदेश पर लगी रोक

मनमानी कार्यवाही औऱ वसूली के आदेश के विरुद्ध पश्चिमानांचल विद्युत वितरण निगम में उत्पीड़ित लोगो द्वारा मा० उच्चन्यायालय में याचिका लगाई गई। याचिकाकर्ता संजीव कुमार आर्य की याचिका पर दिनांक-14.07.23 को सुनवाई करते हुए मा०न्यायालय द्वारा उनके विरुद्ध अधीक्षक अभियन्ता,विद्युत वितरण मंडल-तृतीय बुलंदशहर के द्वारा वेतन से वसूली आदेश दिनांक-06.06.23 पर रोक/निलंबित करते हुए 4 सप्ताह में विपक्षियों को जवाब दाख़िल करने का आदेश देते हुए याचिका की अगली सुनवाई के लिए 11.08.23 को सूचीबद्ध किया। इस दौरान याचिकाकर्ता से कोई वसूली नही की जाएगी।
याचिकाकर्ता का कहना था की उसके सामान्य कामकाज के दौरान क्षतिग्रस्त हुए ट्रांसफार्मर की मरम्मत/बहाली की लागत का 60℅ लागत का भार डाला गया हैं याचिकाकर्ता को कोई भी सुनवाई का अवसर दिये बग़ैर आदेश दिया गया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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