विद्युत विभाग:शम्भू के राज में सम्भव:सामने आया कार्यकारी अधिकारी औऱ अधीक्षण अभियंता का करोड़ो का टेंडर घोटाला:पूर्वान्चल निगम बना भ्रष्टाचार का हब
वाराणासी 13 अप्रैल:”””””””शम्भू राज में सब सम्भव””””‘”” प्रधानमंत्री के क्षेत्र वाराणसी में भ्रष्टाचारियो का हब बन चुके पूर्वान्चल निगम में आये दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे है हाल में ही करोड़ो के बिलिंग घोटाले के बाद स्मार्ट सिटी के कार्यो में 70 लाख के घोटाले की चर्चा रही तो निगम के ही लेखाकार के द्वारा 10 करोड़ के गबन ने पूर्वान्चल निगम में भ्रष्टाचार का काला साम्राज्य औऱ कारोबार का गढ़ के रूप में सामने आया।
अभी पूर्वान्चल के चूल्हे हिला देने वाले लेखाकार के कारनामों की आग ठंडी भी नही हो पाई है एक औऱ करोड़ो के घोटाले की गूंज पूर्वान्चल निगम के गलियारों में गूंज रही है।
ताजा मामला विभाग में ठेकेदार औऱ विभाग के अधिकारियों के मजबूत गठबंधन को उजागर करता है।
कार्यकारी अधिकारी औऱ अधीक्षण अभियंता का कारनामा:30 करोड़ के फर्जी टेंडर
वाराणासी नगरिया विद्युत वितरण मंडल-प्रथम के अधीक्षण अभियंता औऱ कार्यकारी अधिकारी ने विभागीय नियमों को दरकिनार कर लगभग 30 करोड़ के फर्जी टेंडर कर डाले।
कार्यकारी अधिकारी औऱ अधीक्षण अभियंता के द्वारा करोड़ो के टेंडर बिना टेंडर क्लार्क के हस्ताक्षर के ही जारी कर दिये।
टेंडर में मोटे कमीशन का खेल में विभागीय नियमो को किया दरकिनार
टेंडर क्लार्क ने आरोप लगाया है कि कार्यकारी अधिकारी उसकी DSC का जबरदस्ती उपयोग कर बिना उसके हस्ताक्षर के बिना कारपोरेशन नियमो के विरुद्घ टेंडर जारी करते रहे है जिसमे अधीक्षण अभियंता कार्यकारी अधिकारी का पूरा साथ दिया। जबकी कार्यकारी अधिकारी अपने मूल काम को छोड़ कर सिर्फ मलाईदार कामो को जबरदस्ती क्लार्क से छीन लेते है।
पड़ताल जारी है………
भ्रष्टाचार के विरुद्ध शेष है युद्ध………..