विद्युत विभाग: कुम्भ-2019 घोटाले के बाद प्रदेश में स्मार्ट मीटर की बिलिंग के एवज में भुगतान घोटाला:भुगतान से प्रतिमाह विभाग को अरबो का नुकशान:मुख्यमंत्री,ऊर्जामंत्री बेखबर
वाराणासी 18 जुलाई: ।।।।।वाणिज्य स्कन्द का कारनामा।।।।।उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में कुम्भ-2019 में हुए अरबो रुपए के घोटाले के बाद अब उपभोक्ताओ के परिसरो पर नियमित बिजली मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लागये जाने के बाद EESL कंपनी को स्मार्ट मीटर की बिलिंग के नाम पर किये जाने वाले भुगतान का घोटाला सामने आया।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अब घोटाला कारपोरेशन में तब्दील होता नजऱ आ रहा है।
चेयरमैन की गलत नीतियों के कारण विभाग को प्रति माह अरबो का नुकशान हो रहा है जिसका सीधा असर विभाग के बजट पर पड़ता है औऱ विभाग का सकल घाटा हर वर्ष बढता जा रहा है वर्तमान में विभाग 1 लाख करोड़ से ज्यादा के घाटे में चल रहा है।
2018 से आज तक हो रहा घोटाला,चेयरमैन की ख़ामोशी
उल्लेखनीय है की बिजली विभाग को स्मार्ट बनाने के लिए शीर्ष प्रबंधन के द्वारा शहरी उपभोक्ताओ के परिसरों से नियमित/पुराने मीटर हटा कर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए मीटर आपूर्ति करने के लिए EESL कंपनी को वर्ष-2018 में ठेका दिया था जिसमे कंपनी को स्मार्ट मीटर आपूर्ति करने के साथ उसकी बिलिंग भी EESL कंपनी को करनी थी जिसके एवज में बिजली विभाग EESL कंपनी को 102 रू/बिल के हिसाब से रुपये भी देने का करार किया था। इसके बाद से शहरी उपभोक्ताओ के परिसरो पर लगे स्मार्ट मीटर की गिनती के हिसाब से EESL कंपनी को भुगतना किया जाता रहा। जबकी कंपनी द्वारा बिलिंग नही की जा रही है विभागीय कर्मी अपने एकाउंट आईडी से कर रहे है बिल बनाने का काम। इतने बड़े घोटाले से विभाग का प्रतिमाह हो रहे करोड़ो के नुकशान पर चेयरमैन की खामोशी।
घोटाले का स्मार्ट तरीका ईजाद हुआ शक्ति भवन से
EESL कंपनी को प्रति बिल के हिसाब से भुगतान करने के लिए उपभोक्ताओ के परिसरो पर लगे स्मार्ट मीटर की गिनतियों को बिल मान कर भुगतान किया जाने लगा। बिलिंग हो रही है या नही उससे कोई मतलब नही जितने स्मार्ट मीटर लगे उसके हिसाब से करार के अनुसार EESL को भुगतना करना है।
पूर्वान्चल में लगभग 6 लाख उपभोक्ताओ के परिसरो पर लगे मीटर
प्रदेश में UPPCL के सभी निगम के साथ पूर्वान्चल निगम में भी वाराणासी सहित कई जिलों में लगभग 6 लाख उपभोक्ताओ के परिसरो पर स्मार्ट मीटर स्थापित किये गये औऱ प्रत्येक स्मार्ट मीटर के हिसाब से बिल मानते हुए 102 रूपये/बिल के हिसाब से लगभग 6 करोड़ से ज्यादा की धनराशि का भुगतान EESL कंपनी को प्रतिमाह किया जाता रहा। वाणिज्य स्कन्द की जिम्मेदारी संभाले कुम्भ घोटाले के आरोपी की छत्रछाया में घोटाला पनप रहा है।
ऐसे खुला घोटाले का राज़
शक्ति भवन में चर्चित पावर कारपोरेशन के मुखिया के बेहद करीबी ई०अशोक अग्रवाल, मुख्य अभियंता(वाणिज्य) ने EESL कंपनी के द्वारा स्मार्ट मीटर की बिलिंग न करने पर पूर्वान्चल में उपभोक्ताओं के परिसरो पर लगे स्मार्ट मीटर की बिलिंग के लिए विभागीय सोर्स को इस्तेमाल कर विभाग के कर्मचारी घर-घर जा कर मैनुवल तरीके से रीडिंग लेकर बिल बनाने का फरमान जारी किया।
सवाल उठता हैं कि जब EESL कंपनी बिल नही बना रही हैं तो कंपनी को प्रतिमाह करोड़ो का भुगतान क्यों किया जा रहा है?
EESL कंपनी को बिलिंग के लिए नही जारी किया फ़रमान,वाणिज्य स्कन्द की जुगलबंदी
पूर्वान्चल में कुम्भ घोटाले के आरोपी निदेशक वाणिज्य राजेन्द्र प्रसाद औऱ शक्ति भवन में चेयरमैन के राइट हैंड के द्वारा EESL कंपनी को बिलिंग के लिए फ़रमान न जारी कर सीधे कंपनी जो विभाग से लाभान्वित किया जा रहा हैं।
हजारों उपभोक्ताओ के हो चुके हैं डिस-कनेक्शन,पर कंपनी को हो रहा फर्जी बिल के आधार पर भुगतान
पूर्वान्चल में स्मार्ट मीटर धारी ऐसे हजारों उपभोक्ताओ का विभाग ने डिस-कनेक्शन कर दिया है उनका बिल भी जारी नही हो रहा है पर फिर भी उन उपभोक्ताओ के बिल के नाम पर EESL को भुगतान किया जा रहा है।
वैसे पूर्वान्चल में घोटाले की ख़बरे अब आम बात हो चुकी है जब से चेयरमैन के चहेते कुम्भ-2019 के घोटाले के आरोपी निदेशक, राजेंद्र प्रसाद एक रूप तीन स्वरूप धारण किया है।
आखिर कौन करेगा घोटाले की जांच?
*पड़ताल जारी है………