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अयोध्या में आसन पर विराजमान हुई रामलला की प्रतिमा, मूर्ति की पहली तस्वीर आई सामने

लखनऊ 19 जनवरी :अयोध्या में रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में बने आसन पर रख दिया गया है। कारीगरों ने मूर्ति को आसन पर खड़ा किया। इस प्रोसेस में 4 घंटे लगे। बताया गया है कि अब मूर्ति को गंध वास के लिए सुगंधित जल में रखा जाएगा। फिर अनाज, फल और घी में भी रखा जाएगा। 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का गुरुवार 18 जनवरी को तीसरा दिन है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इधर, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मुख्य वेदी पर रामलला विराजमान की ही प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए। स्वयंभू प्रतिमा की जगह दूसरी मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती।

16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का गुरुवार को तीसरा दिन है। राम मंदिर के ट्रस्टी अनिल मिश्रा मुख्य यजमान के तौर पर पूजा में शामिल हो रहे हैं। बुधवार को रामलला की चांदी की मूर्ति को मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया था। मंगलवार को सरयू पूजन के साथ प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत हुई थी। मूर्ति खड़ी करने के पहले वाला पूजन हो चुका है। पत्थर की मूर्ति को बेस में फंसाना होता है, इसलिए कारीगरों ने मूर्ति को खड़ा किया। मूर्ति पूरी तरह से कवर्ड है। कवर को प्राण प्रतिष्ठा के वक्त ही हटाया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति को आइना दिखाया जाएगा। मान्यता है कि भगवान के विग्रह में इतना तेज होता है कि उसका तेज स्वयं भगवान ही सहन कर सकते हैं, इसीलिए उन्हें आईना दिखाया जाता है, वो आईना बाद में टूट जाता है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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