विद्युत विभाग: जांच की आँच:तीन सदस्यों का दल पहुँचा सत्यापन को औऱ महालेखाकार(लेखापरीक्षा-ll) ऊ०प्र० ने मांगी 6 बिंदुओं पर रिपोर्ट:भ्रष्टाचारियों में मची खलबली
वाराणासी 24 सितम्बर:”””””””IPDS घोटाले की की जांच सुरू”””””””””‘प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत वाराणासी में शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने के लिए शहर में फैले बिजली के तारो को अंडरग्राउंड करने के लिए केंद्र सरकार की IPDS योजना में हुए 25-30 करोड़ के घोटाले की ख़बर उपभोक्ता की आवाज के द्वारा उठाये जाने के बाद केंद्रीय ऊर्जामंत्री औऱ प्रदेश के ऊर्जामंत्री के संज्ञान लिये जाने के बाद IPDS कार्यो के सत्यापन एवं महालेखाकार उत्तर प्रदेश के द्वार लेखापरीक्षा की जा रही है।
*राज्य नियोजन संस्थान सत्यापन के लिए पहुँची टीम*
IPDS के कार्यो के सत्यापन के लिऐ राज्य नियोजन संस्थान(मूल्यांकन विभाग) का तीन सदस्यी दल वाराणासी सहित चंदौली में IPDS के कार्यो के सत्यापन की जांच की एक टीम चंदौली तो एक टीम वाराणासी में थी।
महालेखाकार(लेखापरीक्षा-ll) ऊ०प्र० ने मांगी 6 बिंदुओं पर रिपोर्ट
निखिल जयसवाल,वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी, महालेखाकार (लेखापरीक्षा-ll) ऊ०प्र० ने किये गये कार्यो में लगाई गई सामग्री औऱ भंडार खंड में प्राप्त सामग्री का मिलान किया और मुख्य अभियंता(IPDS),पूर्वान्चल निगम को पत्र लिख कर 6 बिंदुओ पर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के बिंदुओं से भ्रष्टाचारियों में खलबली मच गई।
सूत्र बात रहे है कि पूर्वान्चल प्रबंधन औऱ भ्रष्टाचारियों की टोली मिल कर IPDS में बिना इनवॉइस वाली सामग्रियों के समायोजन में कूटरचित दस्तावेजो की तैयारी में लगे है जिसके बाद महालेखाकार(लेखापरीक्षा-ll) ऊ०प्र० के द्वारा मांगी गई 6 बिंदुओ की रिपोर्ट बनाने की तैयारी में है।
1-अनुमोदित के अनुसार विभिन्न सामग्रियों की अनुमानित मात्रा क्या थी?मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने किस अनुमान के विरुद्ध लाइन को तोड़ने का कार्य संपादित किया।
2-अनुमोदित के अनुसार विभिन्न सामग्रियों की संशोधित वापसी मात्राएँ क्या थी?मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निष्पादित लाइन कार्यो का निराकरण।
3-विभिन्न सामग्रियों की संशोधित वापसी मात्रा वास्तविक के मुकाबले क्या कम थी?
L4-मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा लौटाई गई कम मात्रा में सामग्री का मूल्य?
5-मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के बिलो से कम मात्रा में लौटाई गई सामग्री की मात्राओ के लिए कटौती का विवरण?यदि कटौती नही की गई तो उसका कारण?
6-मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा लौटाई गई सामग्री के मूल्य के विरुद्घ अनुदान के दावे में कटौती नही की गईं है तो इसके कारण औऱ इस सम्बंध में सक्षम अधिकारी द्वारा निर्गत आदेश?
उल्लेखनीय है कि वाराणासी शहर में इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम(IPDS)के तहत वर्ष-2019 में नगरीय विद्युत वितरण मंडल-प्रथम औऱ द्वितीय के अन्तर्गत वाराणासी शहर में HT/LT ओवर-हेड लाइनो को अंडरग्राउंड करने,नये विद्युत ट्रांसफार्मर लगाने, पुराने ट्रांसफार्मर को उच्चीकरण करने, उपभोक्ताओ को अंडरग्राउंड तारो से बिजली कनेक्शन देने औऱ बाकी IPDS से सम्बंधित कार्य हेतु टेंडर निकाला गया। टेंडर संख्या-469/MD/PuVVNL(V)/P-2/EAV.128/2018-19 दिनांक- 14.03.2019 अन्तर्गत मेसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को लेबर रेट पर दिया गया। टाटा प्रोजेकट्स के द्वारा नगरीय वितरण मंडल-प्रथम के अंतर्गत इलाको मे लगभग 62 करोड़ का औऱ नगरीय वितरण मण्डल-द्वितीय में लगभग 51 करोड़ का कार्य किया। टाटा प्रॉजेक्ट्स ने वाराणासी कैंट, लहुराबीर, भोजूबीर, कचहरी चौराहा, सामनेघाट, बड़ीगैबी आदि इलाको में किये गये कार्यो का फाइनल BOQ नगरीय वितरण मंडल-द्वितीय को दिनांक- 31.08.2021 को दिया। फाइनल BOQ के कार्यो का भौतिक सत्यापन कर तत्कालीन मुख्य अभियंता, वितरण, वाराणासी क्षेत्र को दिनांक- 02.09.2021 को तत्कालीन अधीक्षण अभियंता नगरीय वितरण मण्डल-द्वितीय द्वारा अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजा गया जिसपर अधिषासी अभियन्ता नगरीय विद्युत निर्माण खंड-प्रथम और द्वितीय के अलावा नगरीय वितरण मण्डल-प्रथम औऱ द्वितीय के हस्ताक्षर है। विद्युत निर्माण खण्ड-द्वितीय के द्वारा लगभग 22 करोड़ के किये गये कार्यो का सामग्री इनवॉइस न होने पर भी भौतिक सत्यापन कर ETD जारी कर दिया। जिसको IPDS के DDO नगरीय वितरण मण्डल-प्रथम द्वारा स्वीकर नही किया गया। जिसके बाद से घोटालेबाजों द्वारा मामला निपटाने के लिए प्रबंधन से मिल कर हेराफेरी एवं तिकड़मबाजी की जाने लगी।
भ्रष्टाचार के विरुद्घ शेष है युद्ध………..