विद्युत विभाग: टैक्निकल पदों पर नान-टैक्निकल :CMD औऱ MD के बाद जोन के मुख्य अभियंता के पदों पर IAS नियुक्त करने की क़वायद:अभियंताओ का विरोध
वाराणसी/लखनऊ 18 जून: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन/अध्यक्ष औऱ निगमो के प्रबंध निदेशको के पदों पर आईएएस नियुक्त रहने के बाद अब जोनवार आईएएस ऑफिसरों की नियुक्तियों के लिए शासन स्तर पर क़वायद सुरू हो गई है।
मेमोरेंडम ऑफ़ ऑर्टिकल के विपरीत होती आईएएस ऑफिसर की नियुक्ति
उल्लेखनीय है कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकों के पदों पर वर्ष-2000 के बाद से आईएएस ऑफिसर तैनात है। जिसका विभाग के इंजीनियरो द्वारा हमेशा विरोध किया जाता रहा, उनका कहना है की विभाग के महत्वपूर्ण पदों पर टैक्निकल ऑफिसर की तैनाती की जाए। परन्तु प्रदेश की सरकारों ने मेमोरेण्डम ऑफ ऑर्टिकल के विपरीत टैक्निकल पदो पर आईएएस ऑफिसर की नियुक्ति की जाती रही है। जिसका खामियाजा भी विभाग भुगत रहा है इनकी नॉन-टैक्निकल आईएएस ऑफिसरों की गलत नीतियों के कारण ही विभाग आज 22 वर्षो में 77 करोड़ के घाटे से 1 लाख करोड़ के घाटे को पार कर गया है औऱ अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए हमेशा विभाग के टैक्निकल इंजीनियरो पर दोष मढ़ा जाता रहा है और कर्मचारियों को बदनाम किया जाता है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है की वर्ष-2000 के बाद से कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन पर ब्यूरोक्रेसी का कब्ज़ा बना रहा है मेमोरेंडम ऑफ ऑर्टिकल के विपरीत प्रदेश की सरकारों ने कारपोरेशन के अध्यक्ष और निगमो के प्रबंध निदेशको के पदों पर अवैध रूप से नियुक्तियों के माध्यम से विद्युत विभाग पर राज किया औऱ विभाग को राजनीतिक एजेंडों, लाभों औऱ मनमानी पॉलिसियों के तहत विभाग को चलाते रहे है जो आज भी बदस्तूर जारी है।
ब्यूरोक्रेसी की नाकामियो का ठीकरा बिजलिकर्मियो पर
22 वर्षो से विभाग को चलाते हुए ब्यूरोक्रेसी द्वारा विभाग के लिए तमाम पॉलिसियों को लागू किया वे चाहे उपभोक्ता के लिए,कर्मचारियो के लिए हो या राजनीतिक एजेंडे को बढ़ाने के लिए हो। ऐसी तमाम योजनाओं की कामयाबियों का श्रेय तो स्वम् लेते गए औऱ सरकारों द्वारा उपकृत होते रहे परन्तु योजनाओं से विभाग को हो रही हानि औऱ नुकशान का जिम्मेदारी बिजलिकर्मियो पर डाल दिया जाता रहा, जिसके नाम पर बिजलिकर्मियो को निकम्मा, भ्रष्ट औऱ काम न करने जैसी उपाधियों से नवाजा गया और दंडनात्मक कार्यवाही के साथ उनके सेवा लाभों की कटौती करते हुए उत्पीड़न किया जाने लगा।
#सनद रहे ऊर्जा विभाग की बर्बादी,सरकारी दख़ल औऱ अध्यक्ष/प्रबंध निदेशको की अवैध नियुक्तियों के विरुद्ध उपभोक्त की आवाज ने दो-दो PIL मा०उच्चन्यायालय में दाख़िल की है जिस पर विभाग द्वारा आज तक काउंटर एफिडेविट ही दाख़िल नही कर पाए है।
संयुक्त प्रबंघ निदेशक के पद सृजन के लिए 27 को होनी है बैठक
खबरों के अनुसार पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने जोनवार आईएएस ऑफिसर की नियुक्ति के लिए संयुक्त प्रबंध निदेशक के पद सृजित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है जिसके सम्बंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 27 जून को बैठक बुलाई गई है जिसमे अपर मुख्य सचिव,वित्त एवं अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एव कार्मिक के साथ UPPCL, चेयरमैन भी मौजूद रहेंगे।
पद सृजित होने से जोन के मुख्य अभियंता के पदों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के विशेष सचिव स्तर के ऑफिसरों की तैनाती की जा सकेगी। अभी तक इन पदों पर मुख्य अभियंता स्तर के इंजीनियरो की तैनाती की जाती है।
इंजीनियरो ने किया प्रस्ताव का विरोध
चेयरमैन के प्रस्ताव के विरोध में विभाग के अभियन्ता सामने आ गए है। अभियन्ता संध के महासचिव, ई० जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा है कि ऊर्जा विभाग तकनीकी विभाग है ऐसे में विभाग के पदों पर इंजीनियरो की तैनाती जोन के पर मुख्य अभियंता के रूप में होती रही है। ऊर्जा विभाग में सक्षम तकनीकी अधिकारियो की आवश्कता है न की प्रशासनिक ऑफिसरों की।
ऊर्जा निगमों में 40 हजार तकनीकी पद रिक्त पड़े है ऐसे में प्रशासनिक अफसर भरने की बजाए तकनीकी लोगो की नियुक्ति की जाए।
लंबे समय से 40 हजार पदो के न भरने के कारण विभाग का ये हाल होता जा रहा है औऱ शीर्ष प्रशासनिक प्रबंध इस पर कोई ध्यान नही दे रहा है।