विद्युत विभाग: पूर्वान्चल में नवनियुक्त कार्यालय सहायकों की अजब-गजब तैनाती:बगैर सीधी भर्ती रिक्त पदों पर कर डाली तैनाती:मुख्य अभियंता के अधिकारों का किया अतिक्रमण
वाराणासी 26 सितम्बर:”””””””हाले पूर्वान्चल कमाई के नये-नये तरीके, नये-नये नियम”””””””विद्युत सेवा आयोग द्वारा चयनित 261 कार्यालय सहायकों को पूर्वान्चल प्रबंधन ने बगैर सीधी भर्ती के रिक्त पदों की जानकारी लिए सीधे क्षेत्र/मण्डल में तैनाती कर दी,जबकी मुख्य अभियंता(हाइडिल), लखनऊ द्वारा पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम को आवंटित 261 नव-नियुक्त कार्यालय सहायकों को वितरण क्षेत्रो को आवंटित करने था।
मुख्य अभियंता के अधिकारों का डिस्कॉम ने किया अतिक्रमण
सूत्र बता रहे है कि पूर्वान्चल प्रबंधन में नव-नियुक्त कार्यालय सहायकों की नियुक्ति में खूब मलाई खाई गई है। मलाई खा कर कार्यालय सहायकों को मंडल एलॉट कर दिया, जबकी पूर्व में हमेशा डिस्कॉम द्वारा मुख्य अभियंता क्षेत्रो को एलॉट किया जाता रहा है।
उल्लेखनीय है कि विद्युत सेवा आयोग विभाग द्वारा निगमो में सीधी भर्ती के रिक्त पदों के अनुसार कार्मिकों की भर्ती करता है औऱ मुख्य अभियंता(हाइडिल)लखनऊ रिक्तिओ के अनुसार चयनित कार्मिकों को निगमो को एलॉट करता है। निगम उन चयनिय कार्मिकों को क्षेत्रों में बांट कर मुख्य अभियंता कार्यालयो को एलॉट करते है। मुख्य अभियंता अपने अधीनस्थ मंडल कार्यालयो को एलॉट करते है जहाँ से चयनित कार्मिकों को नियुक्ति पत्र जारी कर नियुक्ति दी जाती रही है।
एलॉटमेंट प्रक्रिया के पश्चात जिस कार्यालय से चयनित कार्मिकों को नियुक्ति पत्र जारी होता है उसी के अनुसार मुख्य अभियंता संवर्ग औऱ मंडल संवर्ग निर्धारित हो जाता रहा है।
मैं चाहे जो करू मेरी मर्जी
परन्तु इस बार पूर्वान्चल प्रबंधन ने मलाई खाने के लिए नव चयनित कार्मिकों को नियमों के विरुद्ध बगैर मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षक अभियन्ता कार्यालयो की कार्मिकों की जरूरत जाने डिस्कॉम से ही मुख्य अभियंता संवर्ग औऱ मंडल संवर्ग में नियुक्ति का फरमान जारी किया।
सिर्फ नियुक्ति पत्र मुख्य अभियंता औऱ अधीक्षण अभियंता को बांटने है।
वैसे जब से पूर्वान्चल निगम में कुम्भ-2019 के घोटाले के आरोपी का राज हुआ और एक रूप तीन स्वरूप में आने के बाद भ्रष्टाचार, शिष्टाचार में बदल चुका है।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध शेष है युद्ध……….