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विद्युत विभाग: शक्ति भवन में प्रवेश पर रोक: चेयरमैन औऱ संघर्ष समिति के टकराव का अखाड़ा बना विभाग:रसातल से धरातल की ओर जाता विभाग

वाराणसी/लखनऊ 9जून: उत्तरप्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम०देवराज औऱ अधिकारियो/बिजलिकर्मियो की संयुक्त संघर्ष समिति का टकराव कम होने की बजाये बढता ही जा रहा है जिसका सीधा असर बिजली विभाग पर देखने को मिल रहा है। प्रदेश का बिजली विभाग की कम्पनिया देश की तमाम वितरण कम्पनियों से पिछड़ती रही है समय समय पर जारी सर्वे इसका उदाहरण है।

ऊर्जामंत्री के दरबार से नही निकला रास्ता

प्रदेश के बिजली विभाग में शीर्ष प्रबंधन और बिजली इंजीनियरो/कर्मियो में दूरी बढ़ती जा रही है। जिसकी वज़ह से विभाग में कार्य का वातावरण प्रभावित हुआ है। दोनों के टकराव को खत्म करने में प्रदेश के ऊर्जामंत्री भी विफल होते नजऱ आये जिसके कारण मामला केंद्रीय मंत्री के दरबार तक पहुँच चुका है।
उल्लेखनीय है की बिजलिकर्मियो के द्वारा अपनी समस्याओं,मांगों औऱ सेवा लाभों के संबंध में चेयरमैन से कई दौर की वार्ता के बाद भी समस्याओं का हल नही निकले पर चेयरमैन पर हठधर्मिता, मनमानी कार्यशैली औऱ उत्पीड़नात्मक कार्यवाहीयो के आरोपों के साथ कार्यवहिष्कार किया तब मा० उच्चन्यायालय, प्रयागराज के दखल देने के उपरांत प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री अवनीश अवस्थी की मध्यस्थता में औऱ ऊर्जामंत्री मा० आर०के०शर्मा की अध्यक्षता में आपसी सहमिति के आधार पर कुछ बिंदुओं पर समझौता हुआ था जो मा०उच्चन्यायालय में दाख़िल किया गया। जिसमें समझौते के बिंदुओ को चरणबद्ध तरीके से समयान्तराल पर कार्यवाही जारी रहेगी।
लगभग तीन माह बीत जाने के बाद समझौते के किसी भी एक बिंदु का पालन न होने से संघर्ष समिति ने चेयरमैन औऱ ऊर्जामंत्री को कई प्रत्यावेदन किये उसके उपरान्त भी कोई पहल न होने से संघर्ष समिति ने कार्यवहिष्कार किये जाने का निर्णय लिया और ऊर्जा प्रबंधन को नोटिस दे कर अवगत कराया उसके बाद भी ऊर्जा प्रबंधन ने कोई कार्यवाही नही की बल्कि बिजलिकर्मियो का उत्पीड़न सुरु कर दिया।

चेयरमैन ने जानबूझकर पैदा किया विपरीत माहौल

चेयरमैन के अड़ियल रवैये के विरोध में संघर्ष समिति ने 3 दिन की सांकेतिक हड़ताल का ऐलान कर दिया, हड़ताल के ऐलान के बाद किसी भी तरह की सुलह-समझौते की पहल न कर ऊर्जा प्रबंधन ने उत्पीड़ननात्मक कार्यवाही करने लगा औऱ बिजली के कार्यवहिष्कार आंदोलन को हड़ताल में तब्दील करवाने में कोई कसर न छोड़ी। संघर्ष समिति का कहना है की चेयरमैन ने जानबूझकर कर ऐसी स्थिति औऱ परिस्थिति पैदा की जिससे बिजली विभाग हड़ताल के मुहाने पर आ जाये।

ऊर्जामंत्री के दरबार मे फिर हुआ सुलह-समझौता, नही हुआ आश्वासन का पालन

बिजलिकर्मियो की हड़ताल के दूसरे दिन फिर ऊर्जामंत्री के दरबार मे संघर्ष समिति से वार्ता हुए औऱ ऊर्जामंत्री के समझौते के पालन और उत्पीड़ननात्मक कार्यवाहियों को समाप्त करने के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त हो गई। पर ऊर्जामंत्री के आश्वासन का पालन ऊर्जा प्रबंधन द्वारा नही किया गया।

मा०उच्चन्यायालय में मिलती तारिक पर तारिख

चुकी मामला मा०उच्चन्यायालय में पहले से लंबित था इस लिए एक बार पुनः मा०उच्चन्यायालय ने दख़ल दिया औऱ नयायालय की अवमानना मानते हुए बिजलिकर्मियो की हडताल को अवैध घोषित कर संघर्ष समिति के 22 पदाधिकारियों की एक माह की पेन्शन/वेतन रोकने के साथ हडताली बिजलिकर्मियो का 3 दिनों का वेतन रोकने के आदेश दिया। साथ ही समस्याओं के हल के लिए कर्मचारी नेताओ औऱ उर्जा प्रबंधन के मध्य बातचीत जारी रखने का रास्ता खुला रखा औऱ सुनवाई की अगली तारिक दी।

बिल्ली के भाग्य से छीका टूट

मा०उच्चन्यायालय के आदेश के बाद से मानो चैयरमैन के हाथों बिजलिकर्मियो को हलाल करने का अस्त्र मिल गया। चेयरमैन द्वारा बातचीत का दूसरा रास्ता अख्तियार न कर न्यायालय के आदेश पर कार्यवाहियां चालू कर दी। जिसमे कइयों पदाधिकारियो के निलंबन औऱ ट्रांसफर सामिल है। संघर्ष समिति की गुहार के बावजूद ऊर्जामंत्री ख़ामोश नज़र आ रहे है।

संघर्ष समिति के सभी पदाधिकारियों के शक्ति भवन में प्रवेश पर लगी रोक

विभागीय सूत्र बताते है की चेयरमैन ने एक आदेश कर शक्ति भवन में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है चुकी मा० उच्चन्यायालय ने बातचीत के रास्ते खोले रखने के भी आदेश दिए थे इसकी वजह से सूची सार्वजनिक न कर सुरक्षा प्रहरियों को दी गई है और कहा गया है की इनमें से कोई भी आता है तो उनको सूचित किया जाए उनके आदेश के बाद ही पदाधिकारी शक्ति भवन में प्रवेश करेंगे।

न्यायालय के दरवाजे पर बैठी संघर्ष समिति

संघर्ष समिति कई बार न्यायालय में सुनवाई की तारीखें लगवा चुकी है परंतु हर तारिख के बाद तारिख मिल जाने से न्याय के लिए भटक रही है। इस बीच संघर्ष समिति न्याय के लिए अब केंद्रिय मंत्री मा० कौशल किशोर के दरबार मे माथा पटक रही है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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