विद्युत विभाग: संविदाकर्मियों के चक्कर मे 3 अधिकारी निलंबित 1 को आरोप पत्र जारी: संविदाकर्मियों ने काट दिया था कनेक्शन:वीडियो हुआ वायरल:FIR दर्ज
वाराणासी 18 सितम्बर:””””””””“सुविधा शुल्क का मकड़जाल””””””” पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम के गोरखपुर क्षेत्र में संविदाकर्मियों के भ्रष्टाचार को रोक न पाने में दोषी मानते हुए प्रबंध निदेशक,पूर्वान्चल ने 3 अधिकारियो को निलंबित औऱ 1 अधिकारी को आरोप-पत्र दिया।
सुविधा शुल्क के बिना असुविधा
मामला संविदाकर्मियों द्वारा उपभोक्ता को कनेक्शन देने के बाद 2000 रुपये सुविधा शुल्क न मिलने पर कुछ ही देर बाद बिजली कनेक्शन काट देने का है।
उपभोक्ता आई०सी०आई०सी०आई० बैंक का काटा
कनेक्शन: मुख्य अभियंता ने बैठाई जाँच*
अधीक्षक अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण मंडल-गोरखपुर के विद्युत नगरीय वितरण खंड-तृतीय का है जहाँ पर बैक ने विद्युत कनेक्शन लिया गया, 14 सितम्बर बैंक को कनेक्शन निर्गत किया और संविदाकर्मियों ने 2 हज़ार रुपये सुविधा शुल्क की मांग की बैंक कर्मियों ने 500 रुपइया दे भी दिया,परन्तु 2 हजार की मांग पूरी न होने पर आधे घण्टे में बैंक की जोड़ी गई लाइट काट दी,बैंक कर्मियों ने घटना का वीडियो बना कर वायरल कर दिया।मामला स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित होने होने औऱ वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर मुख्य अभियंता ने जाँच समिति बना कर मामले में जाँच बैठा दी।
प्रबंध निदेशक ने किया निलंबित
जांच समिति ने अधिषासी अभियन्ता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता को दोषी पाया एव अधीक्षक अभियन्ता को अपने कर्तव्य पालन में शिथिलता का दोषी पाया, जिसपर प्रबंध निदेशक ने तीनों अधिकरियों को निलम्बित औऱ सम्बंधित अधीक्षक अभियन्ता को आरोप पत्र थमाया।
निलंबित अधिकारी
1-विनोद कुमार चौधरी, अधिषासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खंड-तृतीय, गोरखपुर निगम मुख्यालय अटैच।
2-नीरज दुबे, सहायक अभियंता, उपखण्ड-सप्तम,मोहद्दीपुर, गोरखपुर बस्ती क्षेत्र कार्यालय में अटैच।
3-वीरेन्द्र कुमार,अवर अभियंता, 33/11 उपकेंद्र, मोहद्दीपुर, गोरखपुर आजमगढ़ क्षेत्र कार्यालय में अटैच।
संविदाकर्मियों पर FIR दर्ज:सेव से बर्खास्त
प्रबंध निदेशक के निर्देश पर भ्रष्टाचार में शामिल संविदा कर्मी वेद प्रकाश पांडेय, बालकृष्ण औऱ रामानंद के विरुद्ध निलंबित अवर अभियंता ने कैंट थाने में दी गई तहरीर पर पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनयम 1988 की धारा 7 औऱ 13 में मामला दर्ज किया।
पूर्वान्चल निगम उपभोक्ताओ के प्रति धराताल पर धराशाई
उल्लेखनीय है कि ऊर्जामंत्री की बिजली उपभोक्ताओ को देवो भवः की संज्ञा देने औऱ उपभोक्ताओ की शिकायतें एव समस्याओं के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने, उनका उत्पीड़न न करने के लिए विभाग की समीक्षा बैठको में लगातार निर्देश/आदेश देने के बावजूद विभाग में बिजली उपभोक्ताओं की समस्या/उत्पीड़न लगातार जारी है।
पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम में कुछ भ्रष्टाचारी प्रवर्ति के अधिकारियों/बिजलीकर्मचारी/संविदाकर्मियों की वजह से आम जनमानस में विभाग के साथ सरकार की भी छवि घूमिल करने से नही चूकते है। जहां एक तरफ कुछ जागरूक उपभोक्ताओ की वजह से भ्रष्टाचार की खबरें/शिकायतो के मामले उज़ागर हो जाते है वहीं दूसरी तरफ आम गरीब/कमज़ोर उपभोक्ताओ का उत्पीड़न होता रहता है औऱ उनकी शिकायते टेबल-टेबल घूमती रहती है और आख़िर में उत्पीड़न करने वाले के ही पास शिकायत के निस्तारण के लिए पहुँच जाती है।
पूर्वान्चल में ऊपर से नीचे तक व्याप्त भ्रष्टाचार,सईया भैय कोतवाल तो डर काहे का
पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम में वातानुकूलित कमरों में ऊपर से नीचे तक व्याप्त भ्रष्टाचार की कहानियां सुनने को मिलती रहती है। भ्रष्टाचार की नज़ीर बने निगम मुख्यालय से भ्रष्टाचार के गुर सीखते/देखते/सुनते हुए निगम में आख़िरी पायदान पर कार्यरत बिजलीकर्मचारी भी भ्रष्टाचार की रेस में पीछे नही है। मामला जब ऊपर का होता है तो ईमानदार के नाम पर बड़ी मछली छोटी मछ्ली को निगल जाती है।
पूर्वान्चल में फैला भ्रष्टाचार का मकड़जाल
उल्लेखनीय है कि पूर्वान्चल निगम में करोड़ रूपये के कुम्भ-2019 घोटाले के एक आरोपी राजेन्द्र प्रसाद प्रमोशन पाकर निदेशक वाणिज्य के पद पर तैनात है औऱ विभाग की कृपादृष्टि से 2-2 पदों निदेशक, तकनीकी एवं निदेशक, कार्मिक प्रबंधन और प्रशासन का चार्ज प्राप्त है।
एक आरोपी प्रमोशन पाकर मुख्य अभियंता,आजमगढ़ के पद पर तैनात है।
कई आरोपी आज भी प्रयागराज कुम्भ में तैनात है, जिनके समायोजन के लिए हाल में ही प्रबंध निदेशक ने तबादला एक्सप्रेस चलाई है।
गोरखपुर से एक वृद्ध उपभोक्ता के उत्पीड़न की ख़बर अभी शेष है………..