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विद्युत विभाग:चेयरमैन एम०देवराज का मामला पहुँचा ऊर्जामंत्री के दरबार,संघर्ष समिति ने चेयरमैन को याद दिलाया हाई-कोर्ट का आदेश

लखनऊ/वाराणसी 4 मार्च, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन में बिजलीकर्मियो औऱ अध्यक्ष एम०देवराज के बीच चल रही तनातनी के बीच बिजलीकर्मियो द्वारा पिछले दिनों हुए आंदोलन के बाद मा०अरविन्द कुमार शर्मा,ऊर्जामंत्री की मध्यस्थता से खत्म हुए आंदोलन/सांकेतिक हड़ताल के बाद भी ऊर्जा विभाग में सब कुछ ठीक नही चल रहा है एक औऱ मा०ऊर्जामंत्री जी आंदोलन के दौरान प्रबंधन द्वारा की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां खत्म करने का निर्देश देते है तो दूसरी तरफ़ चेयरमैन द्वारा बिजलीकर्मियो पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही तेज़ होती जा रही है।

#ऊर्जामंत्री के किसी भी निर्देश का पालन न करने औऱ उनकी अवहेलना करने के चेयरमैन पर आरोपो के साथ संघर्ष समिति ने ऊर्जामंत्री को पत्र लिख कर वस्तुस्थिति पर वार्ता के लिए समय मांगा है।

चेयरमैन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप

संज्ञानित रहे पिछले माह ऊर्जामंत्री की निदेशकों के चयन में गड़बड़ी औऱ भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद मा०मुख्यमंत्री ने चेयरमैन के द्वारा चयनित 14 निदेशको की नियुक्ति रद्द कर दी है।जिस कारण से संघर्ष समिति के चेयरमैन पर भ्रष्ट होने के आरोपो को बल मिलता है।
संघर्ष समिति ने पत्र में ऊर्जामंत्री के निर्देशों के पालन न करने औऱ लगातार निर्देशो के प्रतिकूल उत्पीड़नात्मक कार्यवाही करने,संविदा/निविदा कर्मियों को सांकेतिक हड़ताल के बाद ठेकेदारों को दबाव में लेकर सेवा से निष्कासन जारी रखने,बिजलीकर्मियो पर बड़े पैमाने पर कारण बताव नोटिस जारी करने के चेयरमैन पर आरोप लगाते हुए ऊर्जामंत्री से वार्ता का समय मांगा है साथ ही ऊर्जा निगमो में कार्य का स्वस्थ वातावरण बनाये रखने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की।

चेयरमैन पर हठवादी औऱ निरंकुश होने का आरोप

बिजलीकर्मियो का कहना है कि चेयरमैन अगर माननीय हाई-कोर्ट के निर्देश के अनुसार आंदोलन कारी अभियन्ताओं औऱ बिजलीकर्मियो की सैलरी जिस गति से काटने के आदेश जारी किए है तो हाई-कोर्ट ने बिंदु-24 पर जो निर्देश दिए हैं उनका भी पालन भी उसी गति से करना चाहिए वे सिर्फ अपनी हठवादिता के कारण सिर्फ बिजलीकर्मियो को नीचा दिखाने औऱ उत्पीड़ित करने में लगे है वे ऊर्जामंत्री को भी कुछ नही समझते है चेयरमैन एकदम निरंकुश है विभाग में यह भी चर्चा है कि ये सब बिजली विभाग को निजी हाथों में देने की तैयारी के लिए हो रही है जो भी वर्तमान में विभाग में हो रहा है व सब सुनियोजित है बिजलीकर्मियो को औऱ बिजली उपभोक्ताओं को इसमें उलझा कर सरकार अपनी निजीकरण की नीति पर आगे बढ़ रही है।

चेयरमैन को याद दिलाया हाई-कोर्ट का आदेश,लिखा पत्र

संघर्ष समिति ने चेयरमैन को मा०हाई-कोर्ट के आदेश-दिनांक 20 मार्च 2023 के बिंदु 24 पर दिए निर्देश के अनुसार समझौते के अनुसार जिन बिंदुओं पर वार्ता होनी है उन बिंदुओं पर तत्काल द्विपक्षीय वार्ता प्रारंभ करने का अनुरोध किया है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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