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विद्युत विभाग: स्मार्ट सिटी में स्मार्ट बिजली सप्लाई:स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट के तहत देश के 5 शहरों में वाराणासी का हुआ चयन:शहर के 44 और ग्रामीण क्षेत्रों के 6 उपकेंद्र चिह्नित हुए हैं

वाराणसी 22 दिसंबर: केंद्र सरकार ने बेहतर बिजली आपूर्ति में नजीर स्थापित करने के लिए देश के पांच शहरों का ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में चयन किया है। इनमें पटना, गुवाहटी, इंदौर और नागपुर के साथ काशी भी शामिल है।

वाराणासी के 50 बिजली उपकेंद्रों पर इंस्टाल होगा नया सिस्टम

स्मार्ट डिस्ट्रब्यूशन प्रोजेक्ट के तहत बनारस शहर के 50 उपकेंद्र मॉर्डन टेक्नोलॉजी से अपग्रेड होंगे। लाइनों और उपकेंद्रों पर यूनिट लगाई जाएंगी, जो बिजली उपकरणों की निगरानी करने के साथ उनमें आई खराबी की सूचना भी देंगी। इससे काशी में बिजली व्यवस्था में अमूलचूल परिवर्तन आएगा। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी शंभु कुमार की अगुवाई में योजना पर काम शुरू हो गया है।

एचटी लाइन पर आरएमयू (रिंगमैन यूनिट) लगेंगी:फीडर को कनेक्ट करेगी आरएमयू

प्रोजेक्ट में शहर के 44 और ग्रामीण क्षेत्रों के 6 उपकेंद्र चिह्नित हुए हैं। वहां सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा सिस्टम (स्कॉडा) के तहत चार काम होंगे। एचटी लाइन पर आरएमयू (रिंगमैन यूनिट) लगेंगी। यह यूनिट फीडर को आपस में कनेक्ट करती है। डाटा कलेक्ट कर कंट्रोल रूम भेजने के लिए फीडर रिमोट टर्मिनल यूनिट (एफआरटीयू) लगाई जाएगी। इसके अलावा सेक्शनलाइजर भी लगेगा। यह खराबी आने पर सेक्शन को अलग कर देगा। फॉल्ट प्रासेस यूनिट (एफपीआई) लाइनों में फॉल्ट ट्रेस कर उसकी सूचना तुरंत भेज देगा। उधर, उपकेंद्रों का डाटा कंट्रोल रूम भेजने के लिए रिमोट टर्मिनल यूनिट (आरटीयू) लगेगी।

मानवरहित उपकेंद्र का सुझाव:एसएसओ की आवश्यकता नहीं

नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम) की टीम के साथ अभियंताओं ने कई सुझाव साझा किए हैं। उनमें सबसे महत्वूर्ण सुझाव मानव रहित उपकेंद्र का है। जेआईएस आधारित उपकेंद्र ऑटोमैटिक संचालित होगा। एसएसओ की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, अभी इस सुझाव पर मोहर नहीं लगी है। आगरा और हैदराबाद में कई मानवरहित सबस्टेशन हैं।

तटीय क्षेत्रों गंगामें बिजली खपत अधिक

शहर में बिजली की मांग बढ़ी है। खासकर गंगा तटीय क्षेत्रों में बिजली की अधिक खपत हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले वर्षों में उन क्षेत्रों में गेस्ट हाउस, लॉज व होटल बहुतायत में खुले हैं। अगले दो वर्षों में शहर में 960 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता होगी। वर्तमान में 750 मेगावॉट खपत है।

वाराणासी में दो दिन से है नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीए) की टीम

ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश पर नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम) की टीम दो दिन से शहर में है। उसने स्मार्ट डिस्ट्रब्यूशन प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। पहले दिन मिशन के सीनियर जनरल मैनेजर कुमुद वाधवा ने चौकाघाट तथा नगर निगम उपकेंद्र का निरीक्षण किया था।पूर्वान्चल निगम के प्रबंध निदेशक के साथ बैठक में नए सुझावों पर विचार-विमर्श हुआ है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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