विद्युत विभाग: IPDS घोटाला:एक माह से जांच दबाए बैठे:मामले में तिकड़मबाजी कराये बैठे:प्रबंध निदेशक औऱ मुख्य अभियंता बेखबर
वाराणासी 19 अगस्त:“”””””””””पूर्वान्चल में गोलमाल””””””””” उपभोक्ता की आवाज के द्वारा प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत वाराणासी में शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने के लिए शहर में फैले बिजली के तारो को अंडरग्राउंड करने के लिए केंद्र सरकार की IPDS योजना में हुए 25-30 करोड़ के घोटाले की ख़बर उठाये जाने के बाद ऊर्जा प्रबंधन के निर्देश पर पूर्वान्चल निगम ने दिनांक-24.07.23 के द्वारा मुख्य अभियंता,वाराणासी क्षेत्र को सौपते हुए 3 दिनों में जांच आख्या स्पष्ट अभिमत सहित उपलब्ध करने के आदेश दिये।
जाँच अधिकारी ने प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप मेंघोटालेबाजो को लीपापोती का दिया समय
तत्कालीन मुख्य अभियंता अनूप कुमार वर्मा के द्वारा मामले में 10 दिनों तक कुछ नही किया और लीपापोती करते हुए ,मामले में संभावित आरोपियों से ही आख्या माँगते रहे। जांच अधिकारी तत्कालीन मुख्य अभियंता अनूप कुमार वर्मा को जांच रिपोर्ट सौंपने से पहले ही 4 अगस्त को तबादला एक्सप्रेस के षड्यंत्रकारियो ने पद से हटवा कर IPDS घोटालेबाजो को राहत देते हुऐ निगम मुख्यालय से संबद्ध करवा लिया,सूत्रों के अनुसार तब से वितरण खंड चौकाघाट,चतुर्थ,प्रथम के अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों में 20-25 करोड़ की सामग्री को समायोजित औऱ उनकी इनवॉइस बनाने में निर्माण खंड वाराणासी के वर्तमान/तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से सफलता प्राप्त कर ली है।
निगम मुख्यालय ने भी जांच किये जाने औऱ आख्या मांगने का आदेश कर कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है।
3 दिनों में करनी थी जनकजी,30 दिनों में भी नही हो पाई जांच
नवागत मुख्य अभियंता, वाराणासी क्षेत्र के आनंद प्रकाश से इस मामले में जब उपभोक्ता की आवाज़ ने दिनांक-07.08.23 को जांच की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की तो पता चला की पूर्व के मुख्य अभियंता ने मामले में कोई रिपोर्ट/आख्या नही बनाई,तब वर्तमान के मुख्य अभियंता ने जल्द जाँच रिपोर्ट निगम मुख्यालय को सौंपने की बात कही।
वही दूसरी तरफ जांच की लेटलतीफी औऱ प्रत्यक्ष रूप से समर्थन मिलने से IPDS घोटालेबाजो का घोटाले की रकम औऱ सामग्री के समायोजन चालू रहा निर्माण खंड के तत्कालीन अधिकारी जो वाराणासी में ही तैनात है औऱ निर्माण खंड के वर्तमान अधिकारी एवं नगरीय वितरण खंड चौकाघाट, चतुर्थ, प्रथम के अधिकारी घोटाले में काग़जी हेराफेरी करने में सफलता प्राप्त करली।
ख़बर लिखे जाने तक जाँच फाइलो में दबी है। मामले में कही न कही संभावित आरोपियो को अभयदान दिया जाना प्रतीत हो रहा है।
पड़ताल जारी है………
आवाज करिए, नही तो लोग मुर्दा समझ लेंगे ___________