पूर्वांचल

विश्वनाथ मंदिर में टिकट के नाम पर फर्जीवड़ा आरोप में मंदिर प्रशासन ने चार के खिलाफ दी तहरीर

वाराणसी 3मई :श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगलवार की शाम एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया मंदिर के आईटी विशेषज्ञों ने नया एप्लीकेशन बनाकर गोपनीय तरीके से इसकी जांच कराई तो कुछ फर्जी टिकट का मामला सामने आया। बीते कुछ दिनों से मंदिर के अधिकारियों को फर्जी टिकट से दर्शन कराने के मामले की जानकारी मिल रही थी, लेकिन ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों तरह के टिकट होने की वजह से यह पकड़ पाना मुश्किल हो रहा था। इसके लिए मंदिर प्रसाशन एवं डीसीपी सुरक्षा की टीम द्वारा संयुक्त प्रयास कर इस फ़र्ज़ीवाडे को पकड़ा गया। मंदिर प्रशासन द्वारा स्वयं आईटी विशेषज्ञों की मदद से एक गोपनीय सिक्योरिटी ऐप तैयार कराया, जिससे एक टिकट को एक बार ही उपयोग किया जा सकता है। इस ऐप की जानकारी गोपनीय रखी गई केवल गेट पर तैनात कर्मचारी को ही उस ऐप को लॉगिन करके दिया जाता था। कुछ दिन पहले ही जारी हुए इस एप्लीकेशन से मंगलवार को कुछ टिकट प्राप्त हुए, जिसमें एक ही टिकट को एक ही समय में अलग-अलग प्रवेश द्वारों से दर्शनाथियों को दलालों के माध्यम से प्रवेश कराया जा रहा था। जब मामले की जानकारी की गई तब मंदिर के अगल-बगल के दुकानदार और दलालों द्वारा टिकट को एडिट करके उसको ओरिजिनल टिकट में तब्दील किया जा रहा था। साथ ही ग्राहकों को अलग-अलग प्रवेश द्वारों से मंदिर के अंदर प्रवेश दिया जा रहा था। इस एप्लीकेशन की खासियत यह है कि एक बार कोई टिकट एक जगह स्कैन हो गया तो दूसरी दूसरे प्रवेश द्वार पर उसे इन वैलिड टिकट बताने लगेगा। इस आधार पर जानकारी मिलते ही मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर हेल्पडेस्क प्रभारी ने चौक थाने में एक तहरीर दी है। इस तहरीर के अनुसार शुभम पांडे पुत्र जयप्रकाश पांडे निवासी खोवा गली अरुण पांडे पुत्र महंत पांडे निवासी बड़ी पटिया थाना भेलूपुर इरफान हैदर सोना अब्बास आलम निवासी शिवाला थाना भेलूपुर और चौथा शुभम अधिकारी निवासी सोनारपुरा के खिलाफ तहरीर दी गई है। सिक्योरिटी एप के लांच होने से यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। पुलिस को जांच सौंपी गई है। इसमें हेल्पडेस्क के एक आउटसोर्सिंग वर्कर के संलिप्तता की भी जाँच करायी जा रही है।साथ ही और दलालों एवं दुकानदारों के शामिल होने की आशंका है। जांच में जितने लोग आरोपित होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई और विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के फ्रॉड की जानकारी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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