एक झलक

शरद पूर्णिमा पर करें ये काम, खीर रखने और उसे खाने की परंपरा, आइए जानें शुभ मुहूर्त

19अक्टूबर2021

शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की चांदनी में खीर रखने और उसे प्रसाद के तौर पर खाने की परंपरा है। कुछ कैलेंडर में 19 और कुछ पंचांग के मुताबिक 20 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। अश्विन महीने की पूर्णिमा दो दिन हो तो अगले दिन शरद पूर्णिमा उत्सव मनाना चाहिए। पूर्णिमा और प्रतिपदा एक ही दिन हो तब शरद पूर्णिमा पर्व मनाना चाहिए। व्रत और पर्वों की तिथि तय करने वाले ग्रंथ निर्णय सिंधु में भी ये ही लिखा है।

पूर्णिमा तिथि 19 अक्टूबर, मंगलवार को शाम 6.45 से शुरू होगी और बुधवार की शाम 7.37 तक रहेगी। इसलिए अश्विन महीने का शरद पूर्णिमा पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाना चाहिए। इस दिन सुबह स्नान-दान और पूजा-पाठ किया जाएगा और रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जाएगी।

शरद पूर्णिमा के दिन ऐरावत पर बैठे इंद्र और महालक्ष्मी की पूजा करने से हर तरह का सुख और समृद्धि मिलती है।

इस दिन व्रत या उपवास भी करना चाहिए और कांसे के बर्तन में घी भरकर दान करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है।

इस पर्व पर दीपदान करने की परंपरा भी है। रात में घी के दीपक जलाकर मन्दिरों, बगीचों और घर में रखें।

साथ ही तुलसी और पीपल के पेड़ के नीचे भी रखें। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए पापों का दोष कम हो जाता है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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