शराबबंदी पर शिवराज से आरपार की लड़ाई के मूड़ में उमा भारती
10जुलाई2022
उमा भारती के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश की नई शराब नीति को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
शराबबंदी की मांग को लेकर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अब शिवराज सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। उमा भारती ने ऐलान किया है कि वह गांधी जयंती के दिन शराबबंदी की मांग को लेकर भोपाल में मार्च करेंगी। उमा भारती पहले भी मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मांग उठाती रही हैं।
शराबबंदी के खिलाफ उमा भारती के आंदोलन शुरू करने के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश की नई शराब नीति को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान की मुश्किल बढ़ने वाली है। सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए उमा भारती ने कहा, “अक्टूबर में गांधी जयंती पर भोपाल की सड़कों पर मैं महिलाओं के साथ इस राक्षस जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ मार्च करूंगी। मध्यप्रदेश में नशामुक्ति (जिसमें शराब बंदी भी शामिल है) अभियान भाजपा का ही वायदा है और मैं उसी का अनुसरण कर रही हूं।”
उमा भारती ने आगे कहा, “जैसे हमारी मध्यप्रदेश की सरकार के कई निर्णय देश के कई राज्यों ने अपनाए एवं लागू किए इसी तरह से मध्यप्रदेश ही एक जन हितैषी शराब नीति का मॉडल बने।” उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश में तो मेरे बड़े भाई शिवराज एक सात्विक व्यक्ति हैं जब नई शराब नीति की घोषणा हुई। इससे मेरा भरोसा एवं सम्मान तो कम नहीं हुआ किन्तु मुझे गहरा आघात लगा।”
मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम ने कहा, “मैं चाहती हूं कि हमारी सरकार इस नीति में संशोधन करे और जो कानून विरूद्ध, नियम विरूद्ध, जन विरूद्ध, महिला विरूद्ध इसके अंश हैं उन्हें अलग करके नई शराबनीति प्रस्तुत करें।’
इस कड़ी में वह आगे कहती हैं, “मैं तो गंगा के समस्त कार्य योजना का 2016 में ही शुभारम्भ करने के बाद मंत्री पद छोड़कर गंगा के किनारे की पैदल यात्रा करके पूरे विश्व को गंगा की जिम्मेवारी की ओर ध्यान दिलाना चाहती थी। मुझे पार्टी एवं प्रधानमंत्री जी से इसकी सहमति जब नहीं मिली, तब मैंने ही पांच साल के लिए अपने आप को चुनावी राजनीति से अलग करके गंगोत्री से गंगा सागर तक की यात्रा का निश्चय किया।”