श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में परम्परागत होने वाली श्री रामचरितमानस कथा के स्थान को लेकर फसा पेच, भक्तो में आक्रोश-सूर्यलाल शास्त्री
वाराणसी 3 फरवरी: काशी नगरी और बाबा के भक्त से ऊपर काशी में कुछ भी नहीं यही दर्द आज श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में दशको पुरानी परम्परागत जो कि निर्धारित समय पर होने वाली श्री राम चरित मानस की कथा करने की जगह पर कॉरिडोर प्रशासन एवं जिला प्रशासन की ढुलमुल कार्यवाही से दुखी कथा आयोजक आचार्य सूर्यलाल शास्त्री ने समय का उपभोक्ता समाचार के प्रबन्ध सम्पादक से परम्परागत कथा पर कॉरिडोर प्रबन्धन एवं जिला प्रशासन द्वारा हीलाहवाली करने एवं कथा शुरू होने के पूर्व जगह का निर्धारण न करने की स्थिति पर आचार्य ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार के सर्वोच्च यहाँ आ कर प्रभू के समने नतमस्तक होते है और तो दूसरी तरफ आश्चर्य होता है कि उनके अधीनस्थ कॉरिडोर के उस प्रबन्धन पर जो देश के ओजस्वी प्रधानमंत्री द्वारा इतने बड़े कॉरिडोर में श्री रामचरितमानस के राम और राम चरित मानस की कथा जो कि देवो के देव महादेव को सबसे प्रिय है उसको प्रभु को सुनाने की परम्परा को ही महत्व नही दे रहे है यही संचालक धर्म का बेडा गर्क कर रहे है कथा शुरू होनी है आज तक स्थान का ही पता नही कि कहा बैठ कर महादेव को रामचरितमानस का पाठ सुनाया जाए ना मंत्री सुनते है ना कर्मचारी । शास्त्री जी ने अपने मन का दर्द हमारे साथ साझा किया एक तरफ दावा कि हम राम को लाए है और दूसरी तरफ ऐसी उपेक्ष । यही सत्य है