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संजय सिंह चुने गए कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष, साक्षी मलिक ने लिया संन्यास

नई दिल्ली22दिसंबर :WFI का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद संजय सिंह ने कहा, “जिनको कुश्ती करनी है, वो कुश्ती करें. जिनको राजनीति करनी है, वो राजनीति करें.” उन्होंने कहा कि आगे बच्चों के लिए कैंप लगाए जाएंगे. उनका साल खराब नहीं होने दिया जाएगा. ओलिंपिक में जाने वाले पहलवानों की तैयारी कराई जाएगी.

WFI की कार्यकारी कमेटी में वह जॉइंट सेक्रेटरी थे संजय सिंह

बता दें कि WFI के नए अध्यक्ष संजय सिंह यूपी रेसलिंग फेडरेशन और राष्ट्रीय कुश्ती संघ में पदाधिकारी रह चुके हैं. 2019 में WFI की कार्यकारी कमेटी में वह जॉइंट सेक्रेटरी चुने गए थे. संजय सिंह मूल रूप से यूपी में चंदौली एरिया के झांसी गांव के रहने वाले हैं.

जनवरी से शुरू हुआ था विवाद

इसी साल जनवरी में कुछ महिला पहलवानों ने WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इन आरोपों के बाद विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और संगीता फोगाट सहित देश के टॉप रेसलर अध्यक्ष को हटाने की मांग पर धरना करने लगे. इस विवाद के बाद इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने WFI को भंग करते हुए एडहॉक कमेटी बनाकर उसे WFI के नए पदाधिकारियों के चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंप दी. एडहॉक कमेटी ने 12 अगस्त को मतदान की तारीख तय कर दी थी.

हाईकोर्ट के स्टे के बाद प्रक्रिया रुकी, SC ने पलटा फैसला

रेसलिंग फेडरेशन के चुनाव 12 अगस्त को होने थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा रेसलिंग एसोसिएशन (HWA) की याचिका पर चुनावी प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर को भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर लगी रोक हटाते हुए चुनाव कराने के निर्देश दिए थे. 9 दिसंबर को निर्वाचन अधिकारी रिटायर्ड जस्टिस एमएम कुमार के कार्यालय ने चुनाव का शेड्यूल जारी किया और कहा, ‘मतदान, मतगणना और नतीजों की घोषणा एक ही दिन होगी.

कैसे होता है WFI के पदाधिकारियों का चुनाव?

WFI के पदाधिकारियों का चुनाव जनरल काउंसिल की बैठक में होता है. चुनाव में फेडरेशन से एफिलिएडेट एसोसिएशन के पदाधिकारी वोट डालते हैं. हर स्टेट फेडरेशन से प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी यानी दो वोट होते हैं. दिल्ली से दो और बाकी केंद्रशासित प्रदेश के एक-एक वोट होते हैं. एक पद के लिए एक ही दावेदार होने पर उसे निर्विरोध चुन लिया जाता है.

भारत को 2016 रियो ओलंपिक में पदक दिलाने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक अब मैट पर लड़ती हुई नजर नहीं आएंगी. साक्षी मलिक ने गुरुवार (21 दिसंबर) को कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया है. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद ही उन्होंने यह फैसला लिया. साक्षी मलिक समेत तमाम महिला पहलवानों ने WFI के पूर्व चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. महिला पहलवानों के समर्थन में पुरुष पहलवानों ने भी प्रोटेस्ट किया था. संजय सिंह के फेडरेशन का चुनाव जीतने पर साक्षी मलिक के अलावा विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने भी निराशा जाहिर की है.

पिछले 11 महीनों से विवादित रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) को गुरुवार (21 दिसंबर) को नया अध्यक्ष मिल गया है. पिछली बॉडी में जॉइंट सेक्रेटरी रहे संजय सिंह नए अध्यक्ष बने हैं. संजय सिंह फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के करीबी और सहयोगी माने जाते हैं. इस बीच रेसलर साक्षी मलिक ने बड़ा ऐलान किया है. साक्षी मलिक ने कहा कि बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के फेडरेशन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कुश्ती छोड़ दी है. अब रिंग में नहीं लौटेंगी.

मेरा कोई लेना-देना नहीं- बृजभूषण शरण सिंह

वहीं, साक्षी मलिक के कुश्ती से संन्यास के ऐलान के बाद WFI के पूर्व चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “इससे मेरा क्या लेना-देना. मैं इसपर कुछ नहीं कर सकता.”

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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