सावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ का हर-हर महादेव उद्घोष के साथ, यदुवंशियों ने किया जलाभिषेक
वाराणसी10 जुलाई :सावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों का रेला शिव के धाम में उमड़ा। विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर हर-हर महादेव और बोलबम की गूंज है। दोपहर 12 बजे तक करीब तीन लाख भक्तों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई है। धाम के चारो प्रवेश द्वार पर बाबा भक्तों की अनवरत कतार लगी है। सावन का आरंभ तो चार जुलाई से ही हो गया, लेकिन पहला सोमवार श्रद्धा की फुहार लेकर आया। बाबा का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों के मन में आस्था, श्रद्धा और उल्लास की लहरें उठती रहीं। सड़कें-गलियां बाबा के अभिषेक के लिए फल-फूल, धतूरा, बेल पत्र, वैजयंती आदि से महमह करती रहीं। रविवार की मध्य रात्रि में मंदिर प्रशासन की ओर से शिवभक्तों के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई और फूल बरसाकर स्वागत किया गया। रविवार को शयन आरती तक दो लाख 10 हजार शिवभक्तों ने बाबा दरबार में दर्शन पूजन किया था। सावन के पहले सोमवार को यादव बंधुओं ने अपनी परंपरा के अनुसार बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। गौरीकेदारेश्वर से जलाभिषेक यात्रा शुरू हुई है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में गंगा द्वार से प्रवेश करके पश्चिमी द्वार से गर्भगृह में जलाभिषेक किया। यदुवंशियों का भक्ति भाव देख कर रास्ते में मौजूद लोग भी श्रद्धापूर्वक हाथ उठा कर हर-हर महादेव का उद्घोष करते दिखे। नंगे पैर कंधे पर गंगा जल का मटका लिए यदुवंशियों का रेला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। यादव समाज का पीतल ध्वज और डमरू बजाते युवकों के दल को देख रास्ते भर हर हर महादेव का उद्घोष होता रहा। इस दौरान कई मौकों पर विहंगम नजारा दिखा। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सावन के पहले सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पांच से सात लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। गर्भगृह में प्रवेश और स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं होगी। भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन और बाहर लगे पात्र से जलाभिषेक करना होगा। कांवरियों की अलग लेन बनाई गई है।