एक झलक

हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर की तीखी टिप्पणी: उच्च शिक्षा निदेशक पद पर रहने योग्य नहीं

प्रयागराज 2 दिसंबर :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षा निदेशक ब्रह्मदेव की कार्य प्रणाली को लेकर तीखी टिप्पणी की है और कहा है कि प्रथमदृष्टया वह पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अजय कुमार मुद्गल की ओर से दाखिल याचिका पर पर दिया है।

अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा निदेशक कोर्ट में हाजिर थे। मामले में याची की पत्नी की मेरठ में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहने के दौरान मौत हो गई। याची ने पारिवारिक पेंशन व ग्रेच्युटी की मांग की किंतु शिक्षिका के सेवानिवृति विकल्प न भरने के कारण ग्रेच्युटी के भुगतान का हकदार नहीं माना। याची की ओर से उसे चुनौती दी गई। कोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशालय को दो माह में पूर्व में पारित कोर्ट के आदेश के आलोक में निर्णय लेने का निर्देश दिया, जिसका पालन नहीं किया गया।

कोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक ब्रह्मदेव को तलब किया तो उन्होंने कहा कि व्यस्तता के कारण वह याची की फाइल को आगे नहीं बढ़ा सके, लेकिन 10 नवंबर को राज्य सरकार को अनुरोध पत्र भेजा है। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि आदेश की फाइल दबाए रखने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। अधिकारियों को अपने में सुधार लाने की जरूरत है।

आदेश की फाइल को छह माह तक दबाए रखा और जब तलब हुए तो भुगतान के लिए राज्य सरकार को अनुरोध भेज दिया। कोर्ट ने विशेष सचिव उच्च शिक्षा को दो सप्ताह का समय दिया है। साथ ही निदेशक को अगली तिथि पर भी हाजिर होने का निर्देश दिया है और कहा कि आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना आरोप निर्मित किया जाएगा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *