हाय रे मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, ऊर्जा मंत्री जी के आदेश कि आढ मे लो फिर से आ गया मौसम घोटालो का
लखनऊ 27 जून मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मे घोटाले होना आम बात है आज कल वैसे तो हर जगह मध्यांचल के निदेशक कार्मिक प्रशासन के इस्तीफे की चर्चा हो रही है कि महोदय ने क्यो इस्तीफा दिया आखिर कौन सी वजह है जो निदेशक महोदय को इस्तीफा देना पडा आज कल तो वो आपने मूल कार्य ही देख रहे है जब त्रिदेव थे तो कोई गलती नही हुई आज जब काम का बोझ कम हुआ तो इस्तीफा बात समझ मे नही आयी जब हमारे संवादाता ने निदेशक महोदय से बात करी तो उनका दर्द छलक आया बो मै तो अपना अकेलापन दूर करने और अपने को व्यस्त रखने के लिए ही काम कर रहा था क्यो कि ना मेरी पत्नी है ना घर मे अन्य सदस्य । परन्तु रोज रोज का अपमान अब सहन नही होती इस लिए दुखी हो कर इस्तीफा दिया है वैसे चर्चा है कि निदेशक महोदय को बोर्ड मीटिग के दौरान काफी डाटा गया था जिससे की उनका आत्मसम्मान अहत हुआ और उन्होने इस्तीफा दे दिया आखिर कहा तक नियम विरुद्ध हो रहे कामो की अनदेखी करते कुछ समय पहले 1600 करोड रूपय का मीटर रीडिग और बिल बाटने की नियम विरुद्ध निविदा निकली थी जिसमे उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के प्रबंधनिदेशक महोदय ने अपने आदेश के द्वारा नियम विरुद्ध सारी निविदाए एक ही डिस्कॉम से निकालने का आदेश पारित किया था यानि नियम कानून की धज्जिया खुल के उडाई गयी थी और जब इस विषय मे हमारे संवादाता द्वारा नियमो का हवाला दे के पूछा गया तो जनाब बोले यह तो मेरा अधिकार क्षेत्र है आपको गलत लगता है तो न्यायालय की शरण ले । आज जिसका खामियाज पूर्वांचल से ले कर पश्चिमाचल तक सभी भुगत रहे है उस नियम विरुद्ध निकाली गयी निविदा मे उच्च स्तर पर जम कर चादी का जूता चला था चर्चा यह भी है कि उसके बाद मध्यांचल के ही लखनऊ जोन मे गंगा एक्सप्रेस वे के टेण्डर मे भी जम कर चादी का जूता चला था खबर प्रकाशित होने के बाद मे निविदा निरस्त हुई थी लेकिन फिर से अति अल्पकालीन निविदा निकाल कर घोटाले पर पर्दा डाल दिया गया था । जरा जरा सी बात पर नौकरी से निकालने वाले बडकाऊ अपने ही दफ्तर के बगल मे बैठे आधिनस्त का कुछ क्यो नही कर पाए है ?
इसे क्या कहेगे चिराग तले अधेरा नोएडा से लेकर प्रयागराज तक कोई ना कोई अधिकारी / कर्मचारी आये दिन इनके कोप भजन का शिकार होता ही रहता है लेकिन अपनी नाक के नीचे होने वाले घोटाले बडकाऊ को दिखाई नही देते।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम पुनः एक और घोटाले अंजाम देने की ओर अग्रसर
ताजा तरीन मामला मध्यांचल के लेसा का है जहाँ दोनो जोन को एक साथ जोड कर एक प्रसिद्ध अधीक्षण अभियन्ता जो कि पिछले लगभग 5 सालो से लेसा ट्रास गोमती के एक सर्किल मे विराजमान है जिने बारे मे चर्चा है कि जनाब (जब SDO थे) पूर्व मे भी चादी का जुता खाते रंगे हाथ लखनऊ मे ही पकडे गये थे और इनकी सेवा पुस्तिका मे यहाँ तक लिखा है कि जनाब की किसी भी संवेदनशील जगह पर इनकी तैनाती ना की जाए परन्तु जनाब का बडकाऊ कुछ भी नही बिगाड पाते है आज कल फिर से महोदय फिर वही पुराने रंग मे दिखाई दे रहे है विभागीय मंत्री जी के आदेश आने के बाद दूसरो के अधिकारो का अतिक्रमण करते हुए 3 करोड के समान खरीदने की एक निविदा जो कि लेसा सेस गोमती और ट्रास गोमती जो कि दो अलग अलग जोन है उनकी एक निविदा संयुक्त रूप से निकल कर अपने चहेते ठेकेदारो को देने की तैयारी मे लगे हुए है सारे साक्ष्य समय के उपभोक्ता के पास मौजूद है
वैसे चर्चा है कि मध्यांचल के लेसा मे अनुरक्षण के किए जो समान चाहिए वह समान खुर्जा और बुलन्दशहर मे छोटी छोटी फैक्टरियो मे बनता है । लेकिन उसकी निविदाऐ निकाली गयी और उसमे ऐसी शर्ते रखी गयी की वो छोटी फैक्टरी वाले उसे पूरा ना कर सके और जब तक इस निविदा की जानकारी अन्य को हो तब तक सारा काम हो चुका हो यानि कि अति अल्पकालीन निविदाऐ जिसका निविदा संख्या 14 ;15;16;17;18 व 19 है जिसमे तकनीकी विशिष्टीकरण के क्लाज संख्या 4 के उप बिन्दु संख्या1/2/3(a) के अन्तर्गत निविदा मे भाग लेने वाली फर्मो के प्रतिष्ठान का रूटीन एवम एक्सेप्टेस टेस्ट का प्रमाणपत्र साथ मे लगा होना अनिवार्य है परन्तु यहाँ तो उस क्लाज का खुला उल्लंघन किया गया और तो और जो समानो की ड्राईग निविदा के साथ प्रकाशित की गयी है उस एक ठेकेदार जो कि इस निविदा मे प्रतिस्पर्धी और शार्टलिस्ट भी है उनके ही रिश्तेदार उक्य ड्राइग को बनाते है तो पाठक खुद ही समझ सकते है कि निविदा मे कितनी प्रदर्शिता होगी । इसके बाद भी निविदा खोली जाती है और चार कम्पनियो को बुलाया भी जाता है इसमे वो कम्पनी भी है जिसके रिश्तेदार ने उक्त डिजाईन बनाई थी इससे तो यह स्पष्ट होता है कि सब काम पूरी मिलीभगत से चल रहा है वैसे निदेशक और मुख्य अमियन्ता को फसाने की पूरी तैयारी है और मलाई उतारने की अधीक्षण अभियन्ता व चाटुकार ठेकेदार की पूरी तैयारी है वैसे बडकाऊ को समझने मे तो समय लगेगा तब तक चिडिया चुख चुकी होगी खेत क्यो कि यह सारे समान तो खुर्जा और बुलन्दशहर मे आम बनते है तो फिर इतना तामझाम बडकाऊ को दिखावे के लिए और अपनी जान बचाने के लिए रचा जा रहा है क्यो स्पष्ट है चादी के जूते से मुह सुजाने का थोडा बहुत शोर तो मचेगा ही तो अपनी जान कैसे बचानी है उसी की यह तैयारी है । खैर
युद्ध अभी शेष है