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हाय हाय उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन, आ गयी गर्मीये अब सामने आएगी बडका बाबूओ की अनुभवहीनता भुगतेगी प्रदेश की जनता और कर्मचारी पीटे जाएगे

लखनऊ 22 मार्च उत्तर प्रदेश मे चुनाव हो गये और जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन भी हो जाएगा किसके भाग्य मे ऊर्जा विभाग की गद्दी आयेगी और कौन बनेगा ऊर्जा मंत्री इसके साथ साथ यह भी चर्चा चल रही है कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे कौन नया दशानन बन कर बैठेगा ? वैसे जब पूछा गया कि यह दशानन का मतलब तो लोगो ने बताया कि दस सिर वाले को दशानन कहते है जैसे अपने बडकऊ पहले प्रमुख सचिव ऊर्जा एक सर , अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन दूसरा सर अध्यक्ष वितरण निगमो के यानि कि पाँच वितरण निगम तो पाँच सर , फिर अध्यक्ष पारेषण निगम ,अध्यक्ष उत्पादन निगम व अध्यक्ष जल विद्युत तो हो गये ना दशानन अब बात चली तो चर्चा होने लगी अनुभवहीन दशानन यानि की बड़केबाबुओ के तानाशाही फैसलो की । कि अभी तक तो उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन और उसकी सहयोगी स्वयत वितरण निगम व अन्य संस्थानो मे कार्यरत अभियन्ता वर्ग व अन्य महत्वपूर्ण कर्मचारी व कार्यदायी सस्था के लोग ही बडका बाबू के तानाशाही फैसलो से प्रभावित व दुःखी है परन्तु अब बडका बाबूओ की अनुभवहीनता का खामियाजा उत्तर प्रदेश की जनता को भी भुगतान पडेगा लेकिन उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अपने आलीशान वातानुकूलित दफ्तर मे बैठे बडका बाबू की सेहत पर कोई फर्क थोडी ना पडने वाला है वो तो बस विभागीय अधिकारियो पर येन-केन-प्रकारेण बर्खास्तगी व अन्य महत्वपूर्ण कार्यो को अनदेखा कर रोज कोई ना कोई नया बम फोड़ना चालू रखे हुए है उसी क्रम मे आज कल ERP नामक घोटाले से लबरेज एक साफ्टवेयर की चर्चा हो रही है जिसकी खरीद मे हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए विभागीय संगठनो ने एक साथ मिलकर बडकऊ को नोटिस भी थमा रखा है और आज कल रोज एक घण्टा शक्तिभवन पर प्रदर्शन भी हो रहा है लेकिन बडकऊ को कहा इसकी परवाह है वो तो इन संगठनो के एक प्रमुख घटक के अध्यक्ष और महासचिव की गर्दन पर पैर रखे बैठे हुए है कि जब आदोलन ज्यादा बढेगा तो दोनो पर गाज गिरा दी जाएगी फिर सब ठंडा और शायद इसी डर के कारण पावर कार्पोरेशन के इस प्रमुख घटक ने लम्बे समय से कोई आवाज नही उठाई परन्तु अब संगठन का चुनाव नजदीक है तो राजनीती का तकाजा यह कहता है कि कुछ ना कुछ तो हरकत करनी पडेगी शायद अपनी डूबती नाव बचाने की खातिर यह आदोलन चलाया जा रहा हो और अन्दर ही अन्दर बडकऊ की चरणवन्दना हो रही हो ।

अब बात करते है प्रदेश की गरीब जनता की तो बडकऊ ने बिना किसी तैयारी के ERP लागू करने का आदेश तो दे दिया परन्तु जमीनी हकीकत शायद उनको मालूम ही नही है क्यो कि उनको क्या पता गर्मी क्या होती है उनके तो घर गाडी दफ्तर सभी जगह वातानुकूलित महौल रहा है अगर भूले भटके पावर कट हो भी जाऐ तो बहुत ज्यादा एक दो मिनट मे ही दूसरी तरफ से अधिकारी व कर्मचारी सर के बल खडे हो कर लाईन चालू कर ही देते है वैसे तो पूरे प्रदेश का बुरा हाल होने वाला है परन्तु बात हम प्रदेश की राजधानी की करते है जहा अनुरक्षण के नाम पर तैयारिया शून्य है अगर कही कोई डिस्टिबूशन बाक्स यानि कि परिवर्तक के साथ मे लगी पेटी का फ्यूज उड जाऐ तो फ्यूज वायर तक नही है उपखण्डो के अधिकारीयो कर्मचारियो के पास चन्दा लगा कर मगानी पडती है दो दो किलो फ्यूज वायर जो कि 800 ₹ से 1000₹ प्रति किलोग्राम की आती है वैसे अगर कोई अन्डर ग्राउड फाल्ट हो जाती है तो उसे पता लगाने के लिए फाल्ट लोकेटर किराए पर मगाना पडता है जब लोकेटर खाली हुए तो आ गया नही तो इन्तजार करे आयेगा तो फाल्ट ढूढी जाएगी और अगर समय पर आ भी गया और उसने फाल्ट ढूढ भी ली तो फिर ERP नामक दैत्य को बताना पडेगा कि कहाँ पर क्या क्या समान लगना है फिर उसको एक बाबू कम्प्युटर के माध्यम से उसको चढाऐगा और फिर क्षेत्रीय जूनियर इन्जीनियर उसका विवरण बाबू को बताएगा विवरण भरा जाएगा कि फलानी जगह पर अन्डरग्राउड फाल्ट की रिपेयरिंग के लिए उक्त समान की जरूरत है तो वो समान स्टोर से आयेगा और फिर जा के काम पूरा होगा वैसे खबर लिखने मे ज्यादा समय नही लखता परन्तु इन सब कार्यो को करने मे कम से कम एक दिन तो लग ही जाता है और जनता को तो यह सब मालूम नही है कि बडकऊ का क्या फर्मान है तो जनता जूता चप्पल ले कर शुरू हो जाएगी गर्मी मे गर्मी निकलने के लिए फिर कोई नव निर्वाचित महोदय आ कर जनता को शान्त करेगे लेकिन तब तक तो जो होना होगा वो तो होही चुका होगा फिर शुरू होगा दवा मल्लहम पट्टी का दौर जिसका खर्च वो सविदाकर्मी अपनी जेब से उठाएगा । तो पाठक तैयार हो जाए गर्मीयो का स्वागत करने के लिए । वैसे तो कार्यालय चलने मे बहुत सी समस्याए आती रहेगी है जो महोदय रात मे बीच-बचाव करने आये होगे तो वो पहुच जाएगे अपने चमचो के साथ बिछलीघर तो उनका स्वागत सत्कार करने मे अगर कोई कोर कसर रह जाए तो तलवार तो दोनो तरफ से लटक रही है जब छोटी सी गलती यानि कि दारू पीने पर नौकरी जा सकती है तो महोदय के स्वागत मे कोई कोर कसर रह जाएगी तब तो बडकऊ ना जाने क्या कर बैठेगे वैसे यह सब भी छोटी छोटी बाते क्या जाने बडकऊ वैसे तो अधिकारी व कर्मचारी यह सब तो झेल ही रहे है अब जनता की गालिया लात घूसे थप्पड भी झेलने की तैयारी हो रही है लेकिन बडकऊ का खैफ इतना है कि कोई बोले भी तो कैसे इससे अच्छा है कि समय पूर्व सेवानिवृत्ती ले ली जाए वैसे जैसा सुना और देखा है वो सच्चाई लिख दी । खैर

 

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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