हाय हाय पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम,निवेश मित्र पोर्टल पर भी रंगबाज अधिशासी अभियंता खेला रहा भ्रष्टाचार की कब्बडी
वाराणसी 27 नवंबर एक तरफ तो सरकार व्यापारीयो का प्रदेश मे निवेश के लिए लुभावनी योजनाए बना कर निवेश करने के लिए आमंत्रित करती हो तो दूसरी ओर विद्युत विभाग द्वारा व्यापारियों को हो रही समस्या एवं शोषण से बचाव के लिए उ प्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा व्यापारी हित मे बनाये गए निवेश मित्र पोर्टल की व्यवस्था पर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के वीआईपी क्षेत्र के रंगबाज अधिशासी अभियंता द्वारा निवेश मित्र पोर्टल व्यापारियों को कनेक्शन देने की व्यवस्था का चीरहरण करते हुए भ्रष्टाचार की कब्बडी का खेल खेला जा रहा है और पूर्वांचल प्रबन्धन पूरे खेल को मानो दर्शक की तरह देख रहा है।
ताजा मामला लक्सा क्षेत्र के के०एस०जी०गेस्ट हाउस के मालिक राजेन्द्र प्रसाद ने जुलाई माह में अपने गेस्ट हाउस के नगरी विधुत वितरण खण्ड (प्रथम) मे विद्युत कनेक्शन के लिए निवेश मित्र पोर्टल पर आवेदन संख्या 1008366533 से आवेदन किया जिस पर कुछ समय बाद विभाग द्वारा प्रश्नचिन्ह लगा दिया जिसे देख व्यापारी उपभोक्ता 3 अक्टूबर को जबाब के माध्यम से अपने आवेदन को निरस्त करते हुए बताया गया कि भूलवश 60 किलोवाट का आवेदन हो गया मुझे 30 किलोवाट के कनेक्शन की आवश्यकता है परन्तु व्यापारी को राहत देने के बजाय विभाग के भ्रष्टाचारी रंगबाज अधिशासी अभियंता ने 8 अक्टूबर को 6 लाख रुपये का स्टीमेट बनाकर ट्रांसफार्मर लगाने का आदेश पास कर दिया जबकि पीड़ित व्यापारी उपभोक्ता द्वारा 7 अक्टूबर को अपने वास्तविक लोड के अनुसार 30 किलोवाट का आवेदन किया गया परन्तु विभागीय पोर्टल के व माध्यम से आकलन जमा करने पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा परन्तु व्यक्तिगत माध्यम से 30 किलोवाट के आवेदन को पास कराने के लिए बने स्टीमेट के 70% धनराशी की नाजायज तरीके से मांग करने का आरोप पीड़ित उपभोक्ता द्वारा प्रबंधनिदेशक को 20 नवंबर के अपने शिकायती पत्र में कही गयी है साथ ही पीड़ित व्यापारी का यह भी आरोप है लगाया गया कि लगभग डेढ़ माह तक अधिशासी अभियंता द्वारा नाजायज दबाव डाल कर मांगी गयी धनराशी मुहैया नही कराने पर 16 नवंबर को 60 किलोवाट के आकलन न जमा करने को जबरन आधार बना कर 30 किलोवाट के आवेदन को निरस्त किया गया पीड़ित व्यापारी ने अपनी शिकायत पूर्वांचल के प्रबंधनिदेशक के साथ ही उपभोक्ताओं के लिए सक्रिय एनजीवो उपभोक्ता संरक्षण उत्थान समिति से भी की है परन्तु सब के बावजूद भ्रष्टाचार के चारागाह के मालिक निदेशकों द्वारा आज एक सप्ताह गुजरने के बाद भी कोई कार्यवाही का न होना इस रंगबाज अधिशासी अभियंता के प्रभाव को दर्शाता नजर आ रहा है। खैर
युद्ध अभी शेष है