विद्युत विभाग :पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में तबादला औऱ पोस्टिंग उद्योग बना भ्र्ष्टाचार का एटीएम:प्रशासनिक आधार एटीएम का पिनकोड
वाराणसी 3 दिसंबर : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में भ्र्ष्टाचार रूपी रोग की तरह पाव पसारे इन दिनों देखा जा सकता है जिसके कारण विभागीय राजस्व की वसूली भले ही प्रभावित हो पर व्यक्तिगत राजस्व कमाने में पूरा का पूरा सिस्टम नजर आ रहा है
इसका एक मात्र कारण अनुभवहीन प्रबंधन के करीबी मशहूर और अनुभवी ताल ठोक कर भ्र्ष्टाचार में सराबोर रहने वाले अधीनस्थ भ्र्ष्टाचारी अधिकारी जो साइलेंट किलर की तरह अपने फायदे के लिए पुरी साख मिट्टी में मिला देते है मजे की बात है कि अनुभवहीन प्रबंधन इस तरह के लोगो को सर-आंखों पर रखता है और अपने भ्र्ष्टाचार के उद्योग को चलाने के मंसूबे में बगैर हाथ काला किये सफल हो जाता है।
पूर्वांचल में भ्र्ष्टाचार रूपी तबादला एक्सप्रेस विभाग में हड़कंप
पूर्व चेयरमैन एम देवराज के स्थानांतरण के बाद से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने भ्र्ष्टाचारी हाई स्पीड तबादला एकप्रेस चलना शुरू कर दिया है।
पूर्वान्चल निगम के मुखिया औऱ अधीक्षक अभियन्ता, प्रशासन के तबादला एक्सप्रेस के सामने समूचे निगम के 21 जिलों के किसी भी अधिकारी की हिम्मत नही की लोकल तबादला एक्सप्रेस चला दें।
हालत यह है कि जिस तरह शम्भू राज में नियम विरुद्ध मनमाने तबदले -पोस्टिग का दौर देखने को मिल रहा है मानो पूर्वांचल में तबादला -पोस्टिंग भ्र्ष्टाचार के एटीएम का रूप ले लिया है जिसका जीता जगता उदाहरण अधीक्षण अभियंता चंदोली द्वारा एक अवर अभियंता के स्थानांतरण में देखने को मिला।
पूर्व चेयरमैन एम०देवराज के जाते निरंकुश हुऐ भ्रष्टाचारी
पूर्व चेयरमैन के विभाग से हटते ही पूर्वान्चल में भ्रष्टाचार में माहिर भ्रस्टाचारिओ को शम्भू राज में लूट की खुली छूट मिल गई। अब भ्रष्टाचारिओ को न कोई टोकता औऱ न कोई रोकता।
जिस अवर अभियंता को चंद दिनों पूर्व प्रबंध निदेशक के निर्देश पर सरकार की ड्रीम OTS योजना में खराब प्रगति पर पिंडरा से हटाकर वाराणसी जोन संबध किया गया था उस अवर अभियंता को प्रबंधन द्वारा महिमा मंडीत करते हुए तीन दिन में तीन बार अलग -अलग मनचाही जगह पोस्टिंग की गयी इस प्रकार के और भी दर्जनों उदाहरण पूर्वांचल के तबादलो में चीख चीख कर भ्र्ष्टाचारी एटीएम रूपी तबादला एक्सप्रेस की कहानी बया कर रहे है इस तरह के हालत से पूर्वांचल के को अधिकारियो में गुस्सा और ह्ड़कंप साफ तौर पर देखने को मिल रहा है।
तबादला एकप्रेस का चर्चित स्टेशन मास्टर नायक बना खलनायक
वैसे वर्तमान में तबादला एक्सप्रेस के स्टेशन मास्टर और प्रबंध निदेशक के विश्वासपात्र औऱ चहेते डिस्काम प्रशासन के अधीक्षण अभियंता सुर्खियों में है चर्चा है कि तबदले एकप्रेस के हर प्रकार के श्रेणी की टिकट इन्ही के काउंटर से प्राप्त करने के बाद लोग अपनी यात्रा अपने मन चाहे मलाईदार स्टेशन तक तय करते है और जो वहा नही पहुंचने की हिम्मत, जुगाड़ और ताकत रखते उन्हें कामयाबी नही मिलती और वो डिस्काम प्रबंधन के कोपभाजन का शिकार होते नजर आते है।
शम्भू की छत्रछाया में एक अधिक्षण अभियन्ता पूर्वान्चल निगम के बड़े-बड़े अधिकारियो पर भारी नज़र आ रहे है।
लगभग तीन दर्जन से ज्यादा अभियंता डिस्काम मुख्यालय से है सबंध
पूर्वांचल डिस्काम मुख्यालय में अभियंताओं की एक लम्बी चौड़ी फौज मुख्यालय से संबंध है क्या सरकार की OTS योजना चलाने का इनके पास अनुभव नही है इनको फिल्ड में प्रबंधन क्यों नही उतारता इनमे कुछ तो ऐसे है जो कई वर्षो से एकही जगह कुंडली मारकर जमे हुए है प्रबंधन रिक्त जगहों पर इनकी पोस्टिंग न करके भ्र्ष्टाचार के तहत आरोपियों को कंडीशनल री स्टेट कर फिल्ड में भ्र्ष्टाचार करने की खुली छुट देता है।
तबादला-पोस्टिंग के उद्योग के एटीएम से अवैध धननिकासी करने के लिए अनुभवी भ्रष्टाचारी द्वारा प्रशासनिक आवश्कता को पिनकोड के रूप में इस्तेमाल करते है।
भ्र्ष्टाचार और भ्र्ष्टाचारियो के विरुद्ध युद्ध अभी शेष है