एक झलक

विद्युत विभाग :मात्र 8 वर्षो में करोड़ो के साम्राज्य का मालिक बना नटवरलाल लेखाकार केशवेन्द्र द्विवेदी:रोज नये कारनामो का खुलासा:गबन की मनी ट्रेल पर प्रबंधन के हाथ ठंडे

वाराणसी 11 अप्रैल :पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को करोड़ो का चुना लगाने वाले लेखाकार केशवेन्द्र द्विवेदी ने CA का कोर्स कम्प्लीट करने के बाद 2015 विद्युत विभाग में असिस्टेंट एकाउन्टटेंट की नौकरी ज्वाइन की और पूर्वान्चल निगम में जगहों पर नौकरी करते हुए 2020 में एक अवकाश प्राप्त मुख्य अभियंता की रसूखदार ताकत के बलपर पूर्वांचल मुख्यालय के वित्तीय अनुभाग में पहुंचने का सफर तय करते हुए उस समय के निदेशक वित्त को अपने धनबल के प्रभाव में लेकर धीरे धीरे डिस्काम की बड़ी योजनाओं के भुगतान की जिम्मेदारी संभालने लगा।
सूत्र बताते है कि अपनी मेहनत और काबलियत की बदौलत मात्र कुछ समय में अपने सीनियर अधिकारियो में तेजी से लोकप्रियता हासिल कर ली और इसी बीच UPPCL के निर्देश पर ई०आर०पी व्यवस्था लागू होने के बाद नटवरलाल लेखाकार केशवेन्द्र ने धीरे धीरे घोटाले अंजाम देने की शुरुवात की और बन गया करोड़ो के साम्राज्य का मालिक।
वैसे विभागीय सूत्रों की माने तो नटवरलाल लेखाकार ने वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र सगहट के अलोक नगर कालोनी में करोड़ो रुपए की लागत के दो आलीशान कोठी एवं प्रयागराज के पॉस इलाके में करोड़ो की कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाई है अभी उसकी गुमनाम संपत्तियों की जानकारी उसकी गिरफ्तारी के बाद खुलने के आसार है

पूर्व प्रबंध निदेशक एवं महाप्रबंधक (लेखा ) के कार्यकाल में भी विभाग को लुटता रहा

सूत्र बताते है कि पूर्वांचल के वित्तीय अनुभाग में इस घटना के बाद से दहशत का मोहाल व्याप्त है और कोई इस संबंध में किसी से कुछ कहने से कतराते नजर आ रहा है पर विभाग की परम्परा के अनुसार जो कछुवा छाप जांच की जार ही है उसमे चौकाने वाले खुलासे होते नजर आ रहे है जिसमे नटवरलाल लेखाकार पूर्व के प्रबंध निदेशक एवं अवकाश प्राप्त महाप्रबंधक (लेखा ) की भी आँख में धूल झोकर कर विभाग को चुना लगाने में सफलता हासिल करने के प्रमाण सामने आ रहे है।

गबन की मनी ट्रेल पर हाथ बांधे प्रबंधन मामले पर डालता ठंडा पानी

पर विभागीय प्रबंधन इन चीजों को सार्वजनिक करने से कन्नी काटते नजर आ रहा है और 10 करोड़ के गबन की मनी ट्रेल की एक कड़ी उसकी लेखाकार पत्नी से जुड़ने के बाद प्रबंधन द्वारा मनी ट्रेल से 10 लाख रुपये वापस लेकर मामले पर फायर बिग्रेड रूपी जवानो की तरह मुस्तैदी से पानी डालकर मामले को ठंडा करने में तत्पर दिखाई दे रहा है। प्रबंधन बहुत कुछ छुपाते हुए ये कहता दिख रहा है कि गबन को अकेले केशवेंद्र ने अंजाम दिया है।

सरकार STF से कराये जाँच

वही दूसरी तरफ़ विभाग के श्रम संघठनो के पदाधिकारियों ने इतने बड़े गबन में कई औऱ लोगी के शामिल होने की शंका से STF से जांच कराये जाने की मांग की है उनका कहना है कि गबन की मनी ट्रेल से औऱ भुगतान की फ़ाइल कई स्तर से गुजरती है औऱ ERP व्यवस्था एक अभेद प्रणाली है जिसको भेदना अकेले केशवेंद्र के बस में नही है,अकेले एक आदमी इस तरह गबन को अंजाम नही दे सकता हैं

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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