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Supreme Court की वेबसाइट पर साइबर अटैक, CJI ने फेक वेबसाइट को लेकर किया सतर्क

नई दिल्ली 31 अगस्त :सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की वेबसाइट पर साइबर अटैक की खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सर्कुलर जारी कर कहा कि उसकी रजिस्ट्री को उसकी वेबसाइट पर फिशिंग हमले के बारे में अवगत कराया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आधिकारिक वेबसाइट की नकल करते हुए एक फर्जी वेबसाइट बनाई और होस्ट की गई है। अटैक करने वाले यूआरएल के माध्यम से व्यक्तिगत विवरण और गोपनीय जानकारी मांग रहे हैं। सर्कुलर में कहा गया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री कभी भी व्यक्तिगत जानकारी, वित्तीय विवरण या अन्य गोपनीय जानकारी नहीं मांगती है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लोगों को सतर्क करते हुए कहा, किसी भी आगंतुक को दृढ़ता से सलाह दी जाती है कि वह उपरोक्त यूआरएल पर किसी भी व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी को साझा या प्रकट न करें, क्योंकि इससे अपराधियों को जानकारी चुराने में मदद मिलेगी। शीर्ष अदालत ने जनता से कहा है कि वे किसी भी वेबसाइट लिंक की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना उसे न तो क्लिक करें और न ही साझा करें। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों और वादियों को फिशिंग अटैक के लिए बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की नकली वेबसाइट के बारे में आगाह किया और मौद्रिक लेनदेन के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, कृपया सावधान रहें। उस लिंक पर क्लिक न करें। इसका उपयोग मौद्रिक लेनदेन के लिए न करें।
सर्कुलर में कहा गया है, कृपया यह भी ध्यान दें कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय का डोमेन www.sci.gov.in के नाम से पंजीकृत है और किसी भी यूआरएल पर क्लिक करने से पहले उसे सत्यापित करने के लिए हमेशा इस यूआरएल के ऊपर होवर (आगे पीछे करना) करें। इसमें कहा गया है, यदि आप उपरोक्त फिशिंग हमले का शिकार हुए हैं, तो कृपया अपने सभी ऑनलाइन खातों के पासवर्ड बदल लें और ऐसी अनधिकृत पहुंच की रिपोर्ट करने के लिए अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी से भी संपर्क करें। इसमें कहा गया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने फिशिंग हमले को लेकर गंभीर कदम उठाया है और इसकी जांच करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इसकी सूचना दी है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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