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UPPCL के अनुभवहीन बडका बाबू की जागीर पार्ट 5

अवैध रूप से उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे नियुक्त बडकऊ के विचित्र कारनामे का दौर जारी, न्यायालय को टागा हैगर पर

लखनऊ 1 मार्च , उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन में तैनात अनुभवहीन सबसे बड़केबाबू उर्फ बडकऊ द्वारा लगातार लिए जा रहे निर्णय और तुगलकी फरमान ने एक बात तो प्रमाणीत होती दिख रही है कि जिस प्रकार इनकी नियुक्ति अवैध है हमारे सूत्र बताते है कि ठीक उसी प्रकार कुछ विशेष वर्ग और विशेष समुदाय के लिए नियम कानून को ताक पर रखते हुवे न्यायपालिका को हैंगर पर टांग कर उल्टे सीधे फरमान जारी कर इस उद्योग को पूरी तरह तबाह करते नजर आ रहे हैं जिसका उदाहरण सीबीआई जांच मे फसे अपने जेष्ठ अधिकारियो को बचाने का खेल शुरू कर के बडकऊ ने अपनी अनुभवहीन का एक और नमूना पेश कर दिया लेकिन यह न्यायालय की अवमानना का पहला आदेश नही है कि गलती से यह वसूली का आदेश दे दिया बल्कि यह एक सोची समझी रणनीती का हिस्सा है कि इनके आदेशो से डर कर कर्मचारी व अधिकारी न्यायालय ही ना जाए कोई बाबू / अभियन्ता / कर्मचारी अगर कही किसी भ्रष्टाचार के मामले सलिप्त पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है फिर जमानत होती है वह वापस आ जाता है उसकी सर्विस बुक मे उसे कही ऐसी संवेदनशील जगह तैनात ना करने की स्तुति कर के काम पर वापस ले लिया जाता है और मुकदमा चलता रहता है ऐसे कई उदाहरण बडकऊ की नाक के नीचे बैठे है जिनकी सर्विस बुक मे यह लिखा है कि इनकी नियुक्ति संवेदनशील जगह पर ना की जाए परन्तु वो आज भी मौज काट रहे है ऐसे कई उदाहरण मध्यांचल के लेसा मे ही है जो पकडे गये थे रंगे हाथ लेकिन आज लखनऊ के एक संवेदनशील पद पर बैठ मलाई काट रहे है मध्यांचल के एक मुख्य अभियन्ता जिनको पूर्व प्रबन्ध निदेशिका महोदया ने हटा दिया था और पूर्वांचल भेज दिया था वा पोस्टिग भी नही होने दी थी वो आज मुख्य अभियन्ता बन कर मध्यांचल मे चाँदी के जूते से सुबह शाम मुह सुजवाते है लेकिन बडकऊ को वो नजर नही और जो आते नजर जो आते है तो बस उडा दिया नौकरी से दारू भारतीय झन्डे को साथ रख कर दारू पीने का एक मामला आजाद नगर उपकेंद्र का भी था परन्तु निलंबन के बाद सभी वहाँ उसी उपकेन्द्र पर नौकरी कर रहे है उनका क्या हुआ लूटपाट जारी है लखनऊ मे एक मुख्य अभियन्ता जो कि स्मार्ट मीटर के स्मार्ट खिलाडी रहे उनको जब से लखनऊ के लेसा मे पोस्टिग मिली है यहाँ पर भी वो स्मार्टनेस दिखाने लगे है और पूर्वांचल में जानपद को करोड़ो का चूना लगाने वाले अधीक्षण अभियंता को बगैर किसी कार्यवाही के सम्मान जनक तरीके से सेवानिवृत्त किया गया क्या बड़कऊ आँख में तेल डालें थे और कृपा बरसा रहे थे क्यो कि वो उनकी जेष्ठ के सहपाठी थे वैसे न्यायालय पालिका द्वारा अगर दोषी पाए जाए तो विधि अनुसार कारावास वा अन्य जुर्माने व नौकरी से हाथ धोना आदि होता है परन्तु बडकऊ तो बडकऊ है क्यो नही कई अधीक्षण अभियन्ताओ मुख्य अभियन्ताओ पर कार्रवाई करते है बडकऊ के एक खासम खास सिपहेसलार की तो कहानी ही निराली है जनाब ने मध्यांचल मे चार्जशीट पाई और फिर जाँच समिती मे अपना स्थानांतरण करा कर अपने को ही दोष मुक्त कर दिया । बडकऊ का एक नवीनतम आदेश उत्पादन निगम से गाडिया हटाओ तो जनाब आपके पास तो सूचना के अधिकार के तहत मागे गयी सूचना मे जब आपके ही आफिस के लोग आपको नचा सकते है तो कितने चाटुकारो से घिरे है यह बडकऊ या तो वो खुद ही नही जानते शायद इनके निदेशक मण्डल मे भी एक से एक नगीने है परन्तु जनाब उनका तो कुछ कर नही सकते । क्यो कि जो समने आया तो सजा पाऐगा सीधे नौकरी से हाथ धोएगा । न्याया पालिका चुनाव आयोग आदि की तो कौन सुनता है । बडकऊ तो कहते है यहाँ तो चलती है मेरी मर्जी मै चाहे कुछ करू मेरी मर्जी । खैर

 

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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