बाबा सेहरा लगा बने दुल्हा गुंजे मंगल गीत महंत-आवास पर महाशिवरात्रि पर शिव विवाह
वाराणसी01मार्च: महाशिवरात्रि पर बाबा की चल प्रतिमा का शिव-पार्वती विवाह विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर लोकपरंपरानुसार किया गया। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ के रजत विग्रह का लोकाचार पूर्ण किया गया।
मंगलवार महाशिवरात्रि के अवसर मंहत आवास पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में रजत प्रतिमाओं का विशेष पुजन के बाद सात बजे फलाहर का भोग लगा। दोपहर मे ठंडई के साथ फलाहरी व्यंजन का भोग लगाकर दोपहर दो बजे के बाद संजीव रत्न मिश्र ने प्रतिमाओं का राजसी श्रृंगार किया सायंकाल बाबा को फुलो का सेहरा लगाया गया।
सायकाल महत पर काशीवासी महिलाओं द्वारा विवाह के मंगल लोकगीत गाते हुए परंपरा का निर्वाहन किया। इसके पूर्व बसंत पंचमी पर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की प्रतिमा के समक्ष तिलकोत्सव की परंपरा का निर्वाह किया गया था। विवाह आयोजन के लिये गवनहिरयों की टोली संध्या बेला में महंत आवास पर जमा हुई मंगल गीतों का गान के बीच बाबा को सेहरा बाधा गया। सभी रस्म महंत डा. कुलपति तिवारी के सानिध्य में हुआ। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान था। ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना के साथ पारंपरिक शिव गीतों में दुल्हे की खूबियों का बखान किया गया। वहीं इन्हीं गीतों के जरिये भूतभावन महादेव को दूल्हन का ख्याल रखने की ताकीद भी दी जाएगी। महंत डा. कुलपति तिवारी ने बताया लोक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर विग्रह पुजन के बाद विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में महंत परिवार द्वारा चारपहर की आरती के साथ विवाह का लोकाचार निभाया जायगा।
बाबा के विवाहोत्सव पर टेढ़ीनीम महंत-आवास पर “शिवांजलि” के तहत स्थानीय कलाकारों द्वारा भक्ति संगीत का कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।