इलाहाबाद हाइकोर्ट का अहम फैसला, UP पुलिस मे तबादले को लेकर जाने कोर्ट ने क्या कहा
प्रयागराज13अगस्त :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि पीएसी और विविल या सशस्त्र पुलिस अलग फोर्स नही है। दोनो ही एक पुलिस है। इसलिए पीएसी से सिविल पुलिस या सिविल पुलिस से पीएसी में तबादला किया जा सकता है।
दरअसल, कोर्ट ने ये आदेश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है जिसमें कई याची का कहना था कि पुलिस एक्ट व पी ए सी एक्ट अलग अलग है। कोर्ट ने उनकी याचिकाओं को खारिज करते हुए ट्रांसफर को वैध करार दिया है। आइए जानते है। क्या है पूरा मामला।
प्रदेश के विभिन्न जिलो मे व्यापक पैमाने पर तबादले किए गए थे। जिसके बाद याची सुनील कुमार चौहान व 186 पी ए सी कांस्टेबलो, हेड कांस्टेबलो सहित याचिकांए कोर्ट मे दाखिल की गईं थी। इस मामले मे कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पीएसी और सिविल या सशस्त्र पुलिस अलग फोर्स नही है। हाईकोर्ट ने कहा दोनो ही एक पुलिस बल है। इसलिए पीएसी से सिविल पुलिस या सिविल पुलिस से पीएसी मे तबादला किया जा सकता है। कोर्ट ने पीएसी कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल के सिविल पुलिस मे तबादले को वैध करार दिया।
कोर्ट ने कहा कि तबादला आदेश में कोई अनियमितता नही है। मूल कानून के खिलाफ नियम नही बनाये जा सकते। कोर्ट ने तबादले के खिलाफ दाखिल दर्जनों याचिकाओ को खारिज कर दिया है। साथ ही याची सुनील कुमार चौहान व 186 पी ए सी कांस्टेबलो हेड कांस्टेबलो सहित 27 याचिकाए तय कर दी है। याचियो का कहना था कि पुलिस एक्ट व पी ए सी एक्ट अलग अलग है।
याचियो का कहना था कि पीएसी एक अलग कैडर है। पीएसी से सिविल पुलिस या सशस्त्र पुलिस मे तबादले से उनकी आंतरिक वरिष्ठता व पदोन्नति के अवसर प्रभावित होगे। इसलिए कैडर नहीं बदला जा सकता है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि 1861 का पुलिस कानून पी ए सी सहित सभी पुलिस बलो पर लागू है। दो साल से कम अवधि के लिए एस पी को सिविल से सशस्त्र बल में तबादले का अधिकार है और दो साल से अधिक एव दस साल से कम सशस्त्र बल में तबादला किया जा सकता है। जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की सिंगल बेंच ने आदेश दिया।