राजनीति

मैनपुरी मे नेता जी की दोनो बहुएं होगी आमने-सामने! डिंपल का नाम हुआ फाइनल, BJP पर टिकी नजर

लखनऊ12नवम्बर :समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव होना है। सपा का मजबूत किला कहे जाने वाले मैनपुरी सीट पर अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल यादव को मैदान मे उतारकर पिता की विरासत को बचाने की कोशिश की है।

वहीं दूसरी ओर नेताजी की छोटी बहू अपर्णा यादव गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से लखनऊ मे मुलाकात की। उनकी मुलाकात की एक तस्वीर ने अटकलें तेज कर दी है कि मैनपुरी उपचुनाव मे मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भी उतर सकती है। चर्चा है कि मैनपुरी मे देवरानी बनाम जेठानी का मुकाबला देखने को मिल सकता है
2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी मे शामिल हुई अपर्णा यादव ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात की तस्वीरें अपने टि्वटर हैंडल पर साझा की है। हालांकि चौधरी ने अपने आवास पर उनसे मुलाकात करने आए अन्य पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की तस्वीरें भी साझा की है। भूपेंद्र यादव से मुलाकात के बाद तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है क्योंकि समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को ही मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्नी एवं पूर्व सांसद डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है। अभी बीजेपी की तरफ से घोषणा नही की गई है। इसी बीच अपर्णा की मुलाकात भूपेंद्र चौधरी से होने के बाद इन चर्चाओं को बल दे दिया है कि वो बीजेपी की तरफ से टिकट के दावेदारों मे से एक है।

नेताजी के चुनाव लड़ने पर नही जीती विरोधी पार्टी

गौरतलब है कि मैनपुरी की सीट पर मुलायम सिंह का एक छत्र राज रहा है। जब-जब चुनाव लड़े हैं वो तब-तब विरोधी पास भी नहीं आ सके। हर चुनाव में एकतरफा मुकाबला रहा है और अब उनके निधन के बाद इस सीट को बचाने की चुनौती समाजवादी पार्टी के सामने है। दूसरी ओर मैनपुरी सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए डिंपल यादव को उतारकर अखिलेश यादव ने एक तीर से कई निशाने साधे है। सपा प्रमुख अखिलेश यह बात अच्छे से जानते है कि पार्टी और परिवार मे डिंपल यादव एक ऐसा चेहरा हैं जिसका नाम को लेकर कोई विवाद नही है लेकिन मुलायम की विरासत को सजोए रखना डिंपल के लिए भी आसान नही होगा, क्योंकि बीजेपी की तरफ से बार-बार इस नरेटिव को सेट किया जा रहा है कि मुलायम सिंह के निधन के बाद से ही पार्टी और परिवार मे समाजवाद का भी अंत हो जाए।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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