उ प्र पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष एवं शीर्ष प्रबन्धन के विरुद्ध अभियंताओ,अवर अभियंताओ ने आंदोलन को दी धार
ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष व शीर्ष प्रबन्धन के तानाशाही रवैये एवं शीर्ष स्तर पर व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार के विरोध में समस्त अभियन्ता व अवर अभियन्ता 04, 05 एवं 06 अप्रैल, 2022 को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे
लखनऊ22मार्च:उप्र ऊर्जा निगमों में प्रबन्धन द्वारा तानाशाहीपूर्ण ढंग से अन्याय व उत्पीड़न किये जाने से व्याप्त भय के वातावरण में सभी अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता तथा उनके परिवार अत्यधिक मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। इस भयपूर्ण वातावरण में अभियन्ताओं व अवर अभियन्ताओं के लिए सुचारू रूप से कार्य कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। समस्याओं का समाधान न होने व उत्पीड़न तथा भय के वातावरण के रहते, दिनांक 15 मार्च’2022 से चल रहे सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं प्रबन्धन के साथ पूर्ण असहयोग के क्रम में, आगामी 04, 05 एवं 06 अप्रैल 2022 को सभी ऊर्जा निगमों के समस्त अभियन्ता व अवर अभियन्ता सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे।
उप्र ऊर्जा निगमों में शीर्ष स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार, प्रबन्धन द्वारा न्यूनतम आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध न कराये जाने, निगमों में नकारात्मक एवं भययुक्त वातावरण स्थापित किये जाने के विरोध में ऊर्जा निगमों के जूनियर इंजीनियर्स एवं अभियन्ताओं द्वारा चलाये जा रहा शान्तिपूर्ण ध्यानाकर्षण सविनय अवज्ञा/असहयोग आन्दोलन चौथे दिन भी आज समस्त परियोजनाओं एवं जनपद मुख्यालयों पर जोरदार विरोध सभायें आयोजित की गयी जिसमें सैकड़ों की संख्या में जूनियर इंजीनियर्स एवं अभियन्ताओं ने शामिल होकर प्रबन्धन के प्रति अपना रोष प्रकट किया।
संगठन के पदाधिकारियों वी0पी0 सिंह, जी0बी0 पटेल, प्रभात सिंह, जय प्रकाश ने आज जारी बयान में कहा कि उ0प्र0 के ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन द्वारा ईआरपी प्रणाली खरीद एवं बिजली क्रय करने में उच्च स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। ईआरपी प्रणाली पर अरबों रूपये खर्च करने के बाद भी विभागीय कार्यप्रणाली अनुरूप नहीं है, ना ही इसका समुचित प्रशिक्षण दिया गया है और न ही इसके क्रियान्वयन हेतु आवश्यक मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मैन पावर दी गयी है इसके बावजूद निजी कम्पनी द्वारा दिये गये सॉफ्टवेयर के अनुरूप ही दबाव डालकर अभियन्ताओं को कार्य करने हेतु बाध्य किया जा रहा है जिसकी पूरी जिम्मेदारी शीर्ष प्रबन्धन की है।
उन्होंने आगे कहा कि ऊर्जा निगमों में विद्युत उत्पादन एवं विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक न्यूनतम मैन, मनी, मैटीरियल उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने में ऊर्जा निगम प्रबन्धन पूर्ण रूप से विफल रहा है एवं अपनी विफलता छुपाने के लिए प्रबन्धन द्वारा तरह-तरह के बेनियम आदेश जारी कर अभियन्ताओं को उलझाये रखा जा रहा है। संसाधनों की मांग करने वालों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। इससे जहां प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप सबको बिजली हरदम बिजली के लक्ष्य को पूर्ण कर पाने में बिजली कर्मचारियों को काफी दिक्कतें आ रही हैं वहीं दूसरी ओर ऊर्जा निगमों में भययुक्त वातावरण एवं नकारात्मक कार्य प्रणाली स्थापित हो रही है। ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन की इस प्रकार की कार्य प्रणाली से समस्त बिजली कर्मियों का मनोबल गिरा हुआ है। यह न तो प्रदेश हित में है और न ही ऊर्जा निगमों के हित में है।
संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मा0 श्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेन्स नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले अरबों रूपये के इस घोटाले एवं ऊर्जा निगमों में शीर्ष स्तर पर व्याप्त कु्रप्रबन्धन के लिए दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये।
आज पुनः प्रारम्भ हुए असहयोग/सविनय अवज्ञा आन्दोलन में प्रदेश भर के समस्त अभियन्ताओं एवं जूनियर इंजीनियरों ने सहभागिता सुनिश्चित करते हुए जनपद मुख्यालयों एवं परियोजनाओं पर सायं 04 बजे से 05 बजे के बीच 01 घण्टे का विरोध प्रदर्शन कर ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबन्धन के उत्पीड़नात्मक एवं तानाशाही रवैये पर आक्रोश व्यक्त किया। राजधानी लखनऊ में आज मध्यांचल मुख्यालय पर हुई विरोध सभा में इं0 पल्लब मुकर्जी, इं0 जी बी पटेल, इं0 प्रभात सिंह, इं0 जय प्रकाश, इं0 विजय गुप्ता, इं0 पी के सिंह, श्री जवाहरलाल विश्वकर्मा, श्री महेन्द्र राय, श्री सुहैल आबिद, इं0 करूणेन्द्र कुमार वर्मा, इं0 जगदीश कुमार, इं0 डी0के0 प्रजापति, इं0 मोहित कुमार, इं0 कौशल किशोर वर्मा, इं0 आशीष शर्मा, इं0 संजीव वर्मा, इं0 दिनेश कुमार प्रजापति, इं0 आर0बी0 सिंह, इं0 राहुल शर्मा, इं0 अभिषेक दुबे, इं0 चन्द्रप्रकाश, इं0 अभिनव तिवारी, इं0 चन्द्रशेखर, इं0 अरविन्द कुमार, इं0 स्वपनिल सिंह, इं0 विरेश पटेल, इं0 मनोज कुमार जायसवाल, इं0 दीपक शर्मा समेत सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता, जूनियर इंजीनियर एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।