वाह रे भ्रष्टाचारी पूर्वांचल का जानपद,पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मशहूर जानपद के लुटेरे की विदाई में चंद दिन बाकी, परन्तु जानपद ने लगाया UPPCL को करोड़ो का चूना
वाराणसी 27 अक्टूबर : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बुलंदियों का बेख़ौफ़ परचम लहराने वाले जानपद (सिविल) के मशहूर मास्टरमाइंड लुटेरे एक रूप दो स्वरूप की तो अब चंद दिनों मे विभाग से हमेशा के लिए छुट्टी होने वाली है यानि कि सेवानिवृत्त परन्तु इनके गुरु जो मुख्य अभियंता जानपद के साथ साथ गुरु घण्टाल के रूप में समूचे पूर्वांचल में चर्चित होकर बिनाका गीत माला की तरह सुर्खिया बटोरते रहते हैं जनाब ने M D UPPCL के सानिध्य में रहकर विगत दो वर्षों खुलेआम UPPCL को लगभग करोड़ो रूपये का वित्तीय घोटाले को अंजाम दे चुके हैं आइये अब इनके द्वारा किए गए घोटाले से पाठको को रूबरू कराते है कि किस कदर संगठित लूट हो रही है । वित्तीय 2017 में उ प्र की सरकार के गठन के बाद अचानक प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा खनन माफियाओ पर शिकंजा कसना शुरू करा उस वक्त अचानक मौरंग बालू एवं विभिन्न निर्माण सामग्रियो के भाव अचानक से बढ़ जाने की वजह से विभागीय सिविल के कार्य प्रभावित होने लगे थे परन्तु विकास कार्य न रुके इसके लिये उ प्र सरकार के दिशानिर्देश पर सिविल वर्क के लिए ट्रांसमिशन द्वारा नया शेड्यूल रेट लागू किया गया जिसे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे जानपद के भ्रष्टाचारियो द्वारा भी लागू किया गया जो नियमतः सही था परन्तु उसी ट्रांसमिशन द्वारा बाजार भाव गिरने के बाद नया रेट शिड्यूल रेट 2020 में कम करके भी लाया गया और पुनः 2021 में एक बार फिर से नए आदेश के तहत रेट शिड्यूल परिवर्तित कर लागू किया गया जो कि 2017 के मुकाबले लगभग 25% से 30% कम है परन्तु पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मजे घुटे बेख़ौफ़ भ्रष्टाचारियो ने आज भी 2017 के रेट शिड्यूल पर निविदाएं निकाल कर जानपदीय निर्माण का कार्य करा रहे हैं और कार्यदायी संस्थाओं को निजी लाभ पहुचा कर उन्ही के माध्यम से अपनी तिजोरी भर कर कंगाल UPPCL को करोड़ो का चूना लगाने में पूरी तरह सफल होते नजर जा रहे हैं।
आखिर क्यों जानपद के अधिकारी लूट के अंजाम से नही डरते
आइये इस प्रश्न से मै ही नही पूर्वांचल का समूचा डिस्कॉम आश्चर्य में है कि हमेशा भ्रष्टाचार की सुर्खियों में रहने वाले इस जानपद के अधिकारियों द्वारा हमेशा वित्तीय घोटाले किये जाने के बावजूद इनके विरुद्ध शीर्ष प्रबन्धन कोई कड़ी कार्यवाही क्यो नही करता ? इस यक्ष प्रश्न का उत्तर हम अपने पाठकों को बताना जरूरी समझते है दरअसल पूर्वांचल के जानपद के भ्रष्टाचारियो की मजबूत जड़े डिस्कॉम से लेकर मुख्यालय शक्तिभवन तक और सरकार के मंत्रालय तक मजबूती से घुसी हुई है यहाँ डिस्कॉम स्तर पर ही केवल प्रबंधनिदेशक एवं निदेशकों की गणेश परिक्रमा करके इनका मुह समय समय पर चांदी के जूते से सुजाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी का नाम जानपद है अब रही शक्तिभवन तो यहा के विगत दिनों के बड़केबाबुओ पर इनका जादू सर चढ़ कर बोलता था परन्तु वर्तमान में यह जादू धराशायी होता नजर आया इन परिस्थितियों में इन भ्रष्टाचारियो ने अपने जादू का भूत शक्तिभवन में बैठे MD UPPPCL पर कायम कर उन्ही के सानिध्य में भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं जिसका उदाहरण विगतदिनों करोड़ो के भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त जानपद के अधीक्षण अभियंता को मात्र छोटी मोटी सजा देकर सम्मानित किया गया परन्तु प्रबन्धन के लोग शायद भूल रहे हैं कि यहा के लूट और भ्रष्टाचार की आवाज माननीय लोकायुक्त उ प्र के पास मे अभी विचाराधीन है और उसमें बड़े पैमाने पर लोगो के भ्रष्टाचार का खुलासा अभी बाकी है । खैर
युद्ध अभी शेष है