अवधेश राय हत्याकांड: मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजाआजीवन कारावास और 1.20 लाख रुपये जुर्माना, चर्चित हत्या के 31 साल 10 महीने दो दिन बाद आया फैसला
वाराणसी5जून,वाराणसी के एमपी/एमएलए कोर्ट ने अवधेश राय हत्या मामले में सुनाई उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 1.20 लाख का जुर्माना लगाया है।
दरअसल, मामला आज से 31 साल पहले यानी 3 अगस्त 1991 का है। अवधेश राय की हत्या योजनाबद्ध तरीके से की गई थी। कई बार रेकी की गई, फिर बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अवधेश राय घर से बाहर खड़े थे, तभी एक वैन तेजी से आकर रुकी।
अंदर से कुछ लोग निकले और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। कोई कुछ समझ पाता इससे पहले हमलावर फरार हो गए। अजय राय ने वैन का पीछा करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। अवधेश राय को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मुख्तार ने गायब करा दी थी मूल केस की डायरी
हत्या का आरोप माफिया मुख्तार अंसारी व उसके सहयोगियों पर लगा था। मृतक के भाई अजय राय की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। केस की सुनवाई के दौरान जून 2022 में पता चला कि मूल केस डायरी ही गायब है। वाराणसी से प्रयागराज तक केस डायरी की तलाशी हुई। मूल केस डायरी नहीं मिली। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कराया है। मूल केस डायरी के गायब कराने के मामले में मुख्तार अंसारी पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगा। मामले में अजय राय ने प्राथमिकी में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह और पूर्व विधायक अब्दुल कलीम को नामजद किया था। मुख्तार अंसारी के खिलाफ स्थानीय अदालत में तो राकेश न्यायिक के खिलाफ इलाहाबाद जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। पूर्व विधायक अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है। पिछले दिनों केस स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हुआ था।
दो आरोपितों की हो चुकी है मौत
अवधेश राय हत्याकांड के दो आरोपियों कमलेश सिंह और पूर्व विधायक अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है। मामले के दो अन्य आरोपी राकेश न्यायिक और भीम सिंह हैं। इस प्रकरण की सुनवाई पहले बनारस के एडीजे कोर्ट में चल रही थी। 23 नवंबर 2007 को सुनवाई के दौरान अदालत से चंद कदमों की दूरी पर बम ब्लास्ट हुआ। आरोपी राकेश न्यायिक ने सुरक्षा का हवाला देकर हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद लंबे समय तक इस मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगी रही। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट का गठन होने पर प्रयागराज में मुकदमे की सुनवाई फिर शुरू हुई। वाराणसी में एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट के गठन होने पर यहां मुख्तार अंसारी के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई। राकेश न्यायिक और भीम सिंह की पत्रावली अभी भी प्रयागराज में ही लंबित है।