एक झलक

उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन,मुख्यालय की नाक के नीचे होते भ्रष्टाचार पर ईमानदार बडका बाबू खामोश ?

लखनऊ 02फरवरी;उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे अवैध रूप से नियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकरियों के द्वारा कैसे प्रबन्धन चलाया जा रहा है। उसकी बानगी CBI द्वारा उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के दो पूर्व अध्यक्षो संजय अग्रवाल और आलोक कुमार प्रथम व तत्कालीन प्रबन्धन निदेशिका अपर्णा यू के खिलाफ 2017 से 2019 के बीच हुए पीएफ घोटाले मे नामजद प्रथम सूचना रपट लिखने की केंद्रीय अन्वेशण ब्यूरो द्वारा मुख्य मंत्री से अनुमति मांगी है। सूत्र बताते है कि माननीय मुख्य मंत्री जी ने अनुमति प्रदान भी कर दी है। अब तो जल्द ही एक बडे घोटाले पर से पर्दा उठेगा और अवैध रूप से तैनात इन बड़का बाबूओं के द्वारा राजनीतिक प्रभाव में अवैध दबाव बना कर काम करने की रणनीति मे शायद ही कोई बदलाव होगा। लेकिन अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को अगर आज भी आपको सच होते हुए देखना है तो आप शक्तिभवन आ जाऐं। जहाँ ना तो अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन, प्रबन्ध निदेशक पावर कार्पोरेशन, प्रबंध निदेशक पारेषण और ना ही किसी भी निदेशकों के वाहन संचालन का कोई भी ब्यौरा कहीं भी दर्ज ही नही होता है लेकिन सबके टी0ए0 बिल जरूर पास हो जाते हैं। एक समय था जब यह विभाग परिषद हुआ करता था तब यहां के प्रबन्धन के पास अपना हेलिकॉप्टर हुआ करता था। परन्तु भ्रष्टाचार ने इस विभाग को इस तरह से खोखला कर दिया है कि प्रबन्धन के लोग किराए की गाडियो मे सफर करते है और करोडो रूपये का भुगतान हर माह होता है।

खैर अपनी ही कार्यदक्ष्ता को देखना हो या अपने सुशासन को देखना हो तो बडका बाबूजी आपके कार्यालय से चन्द कदमो की दूरी ही तय कर ले शक्तिभवन मुख्यालय से चन्द कदमो की दूरी पर फील्ड हास्टल नामक एक अतिथि गृह है। जोकि प्रदेश भर के डिस्काम से शक्तिभवन मुख्यालय वाले अधिकारियों के विश्राम के लिये बना था। परन्तु अतिथि गृह पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं उनकी सुरक्षा मे तैनात लोगों ने अवैध रुप से कब्जा कर रखा है। यहां पर दो अधिकारी संगठनो के द्वारा भी अवैध कब्जा कर अपने कार्यालय लम्बे समय से चलाये जा रहे है जिसकी सुध लेने वाला कोई नही है। आखिर किसके आदेश पर इस अतिथि गृह का अवैध प्रयोग हो रहा है। कौन आता है कब जाता है और क्या-क्या होता है, क्या कहीं कोई इनका जमा खर्च का कोई लेखा जोखा है या नहीं। यही नही अतिथि गृह पर लम्बे समय से एक ही अधिकारी अपना आधिपत्य जमाए हुए हैं और भ्रष्टाचार का खेला खेला जाता ही रहा है। प्रदेश मे चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। क्या बात-बात पर अपने अधिकारियों से मिसलेनियस की वसूली करने, उनकी पेन्सन रोकने एवं सेवायें समाप्त करने के आदेश करने वाले ईमानदारी की चादर ओढने वाले ईमानदार कहे जाने वाले बड़का बाबू वर्षो से मुफ्त की सेवा लेने वाले इन संगठनों से किराये की वसूली करेंगे या आप अपने ही वेतन से हो रही इस नुकसान की भरपाई करेंगे।

वैसे तो बडका बाबू जी लोगो को तो बस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही छुट्टी नही मिलती, अरे कभी तो चक्कर लगाओ अपने आधीन आने वाले अतिथि गृहो का या कभी तो अपनी गाडियो का ही हिसाब किताब देख लो, ईमानदारी की चादर ओढने वाले बडकऊ। खैर

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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