पूर्वांचल

काशी में मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने गंगा में विसर्जित किया अपने पिता की अस्थि

वाराणसी21अप्रैल: मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ गुरुवार की सुबह नौ बजे वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर अपने पिता स्वर्गीय अनिरुद्ध जगन्नाथ का अस्थि विसर्जन करने पहुंचे। मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अनिरुद्ध जगन्नाथ के पूर्वज भारतीय मूल के बलिया जिले में रसड़ा क्षेत्र के रहने वाले थे। तीन वर्ष पूर्व प्रविंद जगन्‍नाथ प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर वाराणसी आ चुके हैं। इस दौरान भी वह बाबा दरबार और गंगा आरती में हिस्‍सा ले चुके हैं। उस समय उन्‍होंने कुंभ के मौके पर प्रयाग में गंगा स्‍नान कर चुके हैं। अब पिता के निधन के बाद परंपराओं के मुताबिक मोक्ष की कामना से उनकी अस्थियां लेकर वह दशाश्‍वमेध घाट पहुंचे। स्व. अनिरुद्ध जगन्नाथ के पुत्र और मॉरीशस के वर्तमान प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्‍नाथ वाराणसी में पारंपरिक रीति रिवाज से उनका अस्थि विसर्जन करके उनकी मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने पहुंचे। दशाश्‍वमेधघाट पर उनके अस्थि विसर्जन के लिए पूरी तैयारी सुबह आठ बजे तक पूरी कर ली गई थी। इस दौरान चार वेद पाठी ब्राम्हणों ने पारंपरिक रीति रिवाज से उनके अस्थि विसर्जन की पूजा और अनुष्‍ठान को पूर्ण कराया। पूजन और अनुष्‍ठान के बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने घाट के सामने अपने पिता के अस्थि कलश का विसर्जन किया। मारीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और उनकी पत्नी कोविता जगन्नाथ बुधवार शाम तीन दिवसीय काशी यात्रा पर पहुंचे थे। उसके पूर्व उनकी मां सरोजिनी जगन्‍नाथ भी मां विंध्‍यवासिनी के दरबार में जाकर हाजिरी लगा चुकी हैं। मारीशस के पीएम प्रविंद जगन्‍नाथ गुरुवार की सुबह दशाश्वमेध घाट पर पहुंचे और गंगा में पिता की अस्थियां विसर्जित कीं। शाम पांच बजे वह श्रीकाशी विश्वनाथ धाम भी जाएंगे और बाबा का परंपराओं के अनुसार दर्शन-पूजन करेंगे। इसके बाद शुक्रवार को वह राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अलग -अलग मुलाकात करेंगे। प्रविंद जगन्‍नाथ के आगमन के पूर्व ही चार वेद पाठी ब्राह्मणों ने वैदिक रीति रिवाजों से अनुष्‍ठान पूरा कराया। इस दौरान गंगा में सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ और जल पुलिस की तैनाती रही। जबकि दूसरी ओर दशाश्‍वमेधघाट पर सुबह से ही सुरक्षा बलों ने संबंधित क्षेत्र को कब्‍जे में ले लिया। कब्‍जे में लेने के बाद सघन जांच की गई और लोगों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके बाद सुबह दस बजे प्रविंद जगन्‍नाथ और उनके परिवार के लोग घाट पर पहुंचे और परंपराओं का निर्वहन करते हुए घाट पर अस्थि कलश विसर्जित करने की परंपरा का निर्वहन किया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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