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गोरखपुर -दिल्ली के बीच शीघ्र चलेगी वंदे भारत एक्‍सप्रेस..

23अक्टूबर2021

गोरखपुर -दिल्ली के बीच शीघ्र चलेगी वंदे भारत एक्‍सप्रेस, रेलवे ने शुरू की तैयारी पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के लोगों की उम्मीदों को धीरे-धीरे पंख लगने लगे हैं। रेलवे बोर्ड ने देशभर में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की कवायद तेज कर दी है। मार्च तक पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर भी तीन से चार ट्रेनें दौड़ने लगेंगी

रेलवे गोरखपुर के रास्‍ते द‍िल्‍ली तक वंदे भारत एक्‍सप्रेस चलाने की तैयारी कर रहा है।

गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के लोगों की उम्मीदों को धीरे-धीरे पंख लगने लगे हैं। रेलवे बोर्ड ने देशभर में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की कवायद तेज कर दी है। टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मार्च तक पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर भी तीन से चार ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। जिसमें एक मुख्यालय गोरखपुर के रास्ते लखनऊ जंक्शन (यूपी की राजधानी) और पटना के पास वाले स्टेशन पाटलीपुत्र (बिहार की राजधानी) को जोड़ेगी। इसके अलावा लखनऊ से दिल्ली, गोरखपुर-लखनऊ-दिल्ली और गोरखपुर-लखनऊ के बीच भी वंदे भारत चलाने की योजना है।

लखनऊ-दिल्ली व गोरखपुर-दिल्ली के बीच मार्च तक चल सकती है वंदे भारत

पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यमार्ग बाराबंकी- गोरखपुर-छपरा मार्ग (लगभग 425 किमी) राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और वंदे भारत एक्सप्रेस की रफ्तार 110 से 130 किमी प्रति घंटा के लायक बन चुका है। इस रेलमार्ग की बढ़ी हुई मजबूती और गति ने गोरखपुर से दिल्ली के बीच की अधिक दूरी व अन्य तकनीकी समस्या को भी दूर कर दी है। दरअसल वंदे भारत भी शताब्दी की तर्ज पर चलती है।यानी 24 घंटे के अंदर इस ट्रेन को भी वापस अपने मूल प्रस्थान वाले स्टेशन पर पहुंचना अनिवार्य होता है। ऐसे में गोरखपुर से दिल्ली के बीच वंदे भारत का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है।

वंदे भारत व राजधानी के लायक बन चुका है बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा मार्ग

जानकारों के अनुसार इस ट्रेन में एसी चेयरकार ही लगते हैं। ऐसे में इस ट्रेन को इंटरसिटी के रूप में भी चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। यूपी और बिहार को जोड़ने के बाद यह ट्रेन यूपी और दिल्ली के अलावा आने वाले दिनों में यह ट्रेन गोरखपुर और लखनऊ तथा गोरखपुर-प्रयागराज को भी आपस में जोड़ सकती है। पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस-प्रयागज रूट पर पहले से ही वंदे भारत चल रही है। हालांकि, भविष्य में वंदे भारत में भी राजधानी की तरह एसी की शयनयान श्रेणी के कोच भी यात्री यहां जान लें कि 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री ने देशभर में 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। दैनिक जागरण ने भी पूर्वांचल के प्रमुख धार्मिक, ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र और उभरती अर्थव्यवस्था वाले पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर रूट पर भी राजधानी सहित देश की प्रमुख ट्रेनों (वंदे भारत, शताब्दी और दूरंतो) के संचालन के लिए हमें चाहिए राजधानी अभियान चलाया है।

अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। 180 किमी प्रति घंटे करने की है योजना।

इसे ट्रेन सेट-18 भी कहते हैं। सिर्फ विद्युतीकृत रेलमार्ग पर चलती है। दोनों तरफ इंजन होते हैं।

पूरी तरह वातानुकूलित इस ट्रेन में दो पावर कार, 14 चेयर कार और दो एक्जीक्यूटिव कार होती हैं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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