एक झलक

जो सही गलत का विचार कर आगे बढे वही हिन्दू-शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती

वाराणसी 4 अप्रैल :हमारे देश का इतिहास रहा है कि इस देश के चक्रवर्ती राजाओं ने अपने प्राण देकर भी गौ की रक्षा की है। असल में हिन्दू वही है जो सही और गलत का विचार करके आगे बढे। जो बिन विचारे आगे बढे वह हिन्दू नहीं। गौ के सन्दर्भ में यही बात विशेष रूप से लागू होती है।

उक्त बातें परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ ने आज शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में कही।

उन्होंने सत्पात्र एवं कुपात्र को दान देने के परिणाम के सन्दर्भ में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सत्पात्र को दान करने से सम्पत्ति बढती है और कुपात्र को दान देने से सम्पत्ति घटती है।

आगे कहा कि मतदान में भी दान शब्द जुडा होने से यह भी महत्वपूर्ण है। इसीलिए सनातनी जनता को मतदान के पहले सत्पात्र का विचार कर लेना चाहिए। यदि हमारे दिए मतदान से कोई दल सत्ता में आकर गोहत्या करता हे तो उस पाप के भागी हम भी बनते हैं।

ज्ञातव्य है कि शङ्कराचार्य जी महाराज का आगमन आज गोरखपुर से सडक मार्ग द्वारा तिलमापुर सैदपुर कचहरी सिगरा आदि होते हुए हुआ जहाॅ पर उपस्थित भक्तों ने उनका स्वागत सत्कार किया।
सोनारपुरा पहुचने पर भक्तों ने पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज को वृंदावन से दिल्ली संसद भवन तक नंगे पांव पैदल चलने व पावों में छाले उत्पन्न होने के कारण काशी में पैदल नही चलने दिया और भक्तों ने पहले से तैयार पालकी में प्रार्थना कर पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज को विराजित कराया।और ढोल डमरू के थाप पर शंखध्वनि करके जयघोष व पुष्पवर्षा करते हुए श्रीविद्यामठ तक ले गए।श्रीविद्यामठ पहुँचने पर ब्रहचारी परमात्मानन्द जी ने उपस्थित भक्तों के संग पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के पादुका का पूजन किया।

सभा में प्रमुख रूप से सर्वश्री:- मुकुन्दानन्द जी, पूर्व कैप्टन श्री दिलीप तिवारी जी, श्रीमती कितण तिवारी जी,श्री अभय शंकर तिवारी,यतीन्द्रनाथ चतुर्वेदी,हरिनाथ दुबे,राकेश पाण्डेय त्रिशूलधारी,अजित मिश्र,सुनील उपाध्याय,पं सदानन्द तिवारी,विशाल मेहरा,बलराम शर्मा,विपुल सिंह,सुनील शुक्ल आदि विशिष्ट जन उपस्थित रहे।

उक्त जानकारी पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय के माध्यम से प्राप्त हुई है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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