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भारतवंशी अमेरिकी सांसदों ने भी पन्नू मामले में भारत को ही दी नसीहत

वाशिंगटन17 दिसंबर :अमेरिका में भारतवंशी सांसदों का कहना है कि अगर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले में जांच नहीं हुई तो भारत और अमेरिका के रिश्ते खतरे में पड़ सकते हैं। एक जॉइंट स्टेटमेंट में पांच भारतवंशी सांसद एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और श्री थानेदार ने शुक्रवार देर रात कहा, ‘यह बेहद गंभीर मामला है। भारत यह सुनिश्चित करे कि ऐसा फिर कभी नहीं होगा। भारत ऐसी साजिश अमेरिकी जमीन पर दोबारा न करे और जांच में पूरा सहयोग करे।’

दरअसल, अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया। हालांकि यह नहीं बताया गया कि हमला किस दिन होने वाला था। जून 2023 में PM नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया था। इस बात का खुलासा 22 नवंबर 2023 को पब्लिश हुई फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में हुआ था। वहीं, भारत सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई है। जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पन्नू के पास कनाडा और अमेरिका की नागरिकता है।

पन्नू की हत्या की साजिश मामले की ब्रीफिंग हुई

पांचों भारतवंशी सांसदों को शुक्रवार को पन्नू मामले से जुड़ी पूरी जानकारी दी गई। अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से हुई इस स्पेशल ब्रीफिंग में बताया गया कि पन्नू की हत्या की साजिश का आरोपी निखिल गुप्ता है। अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में 29 नवंबर को न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट सामने आई थी। इसमें भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप है। इसमें लिखा है- भारत के एक पूर्व CRPF अफसर ने उसे पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने को कहा था।

पन्नू की हत्या करने के लिए 83 लाख रुपए में डील हुई

चार्जशीट में लिखा है कि भारतीय अफसर के कहने पर निखिल ने एक अपराधी से पन्नू के मर्डर के लिए कॉन्टैक्ट किया, लेकिन असल में वह एक अमेरिकी एजेंट था। इस एजेंट ने निखिल की पहचान एक और अंडरकवर अधिकारी से कराई, जिसने पन्नू का मर्डर करने की बात कही। इसके लिए करीब 83 लाख रुपए में डील हुई थी।

पन्नू बोला- मैं निखिल गुप्ता को नहीं जानता

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक आतंकी पन्नू ने कहा है कि वो न तो निखिल गुप्ता को जानता और न ही उस भारतीय अधिकारी को जिस पर हत्या की साजिश रचने के आरोप लगे हैं। पन्नू ने कहा- मुझे मौत का डर नहीं है। हम बहादुरों के घर आजाद वतन अमेरिका में हैं। उसने कहा- मुझे मार देने से भी खालिस्तान की मांग पर असर नहीं पड़ेगा।

पन्नू मामले में कब, क्या हुआ चार्जशीट के मुताबिक पूरी टाइमलाइन

मई 2023: अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के मुताबिक इसी वक्त एक भारतीय अधिकारी ने निखिल गुप्ता को हायर किया।
29 मई:निखिल गुप्ता ने किसी ऐसे शख्स की तलाश शुरू की जो पन्नू को मार सके। हालांकि जिसे पन्नू को मारने के लिए हायर किया गया वो अमेरिका का अंडर कवर एजेंट निकला। कुछ हफ्तों तक निखिल गुप्ता ने इस अंडर कवर एजेंट से पन्नू को मारने के तरीके और कीमत पर चर्चा की।
9 जून:गुप्ता ने पन्नू को मारने के लिए हायर किए गए हिटमैन को एक शख्स के जरिए 15 हजार डॉलर यानी 12 लाख 49 हजार रुपए का कैश भिजवाया। ये हत्या के लिए एडवांस पेमेंट थी।
11 जून:भारत के अधिकारी ने गुप्ता को कहा कि पन्नू को अभी नहीं मरवा सकते हैं। दरअसल, जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे। उस दौरान दोनों देशों के बीच डिप्लोमेटिक बैठकें हो रही थी। गुप्ता ने भी फोन पर कहा था कि 10 दिनों तक कुछ नहीं किया जा सकता है, नहीं तो प्रदर्शन शुरू हुए जाएंगे।
12 जून से 14 जून:गुप्ता ने फोन पर अपने साथी को कनाडा में किसी बड़े टारगेट के बारे में बताया। उसने कहा कि वो बाद में उसकी डिटेल्स शेयर करेगा।

18 जून:कुछ लोग कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर देते हैं। कुछ ही महीनों बाद कनाडा इस हत्या का आरोप भारत पर लगाता है।
19 जून:गुप्ता निज्जर की हत्या का वीडियो अमेरिका में पन्नू की हत्या के लिए हायर किए हिटमैन को भेजता है। वो लिखता है- ये अच्छी खबर है, अब इंतजार करने की जरूरत नहीं है। गुप्ता ने हिटमैन को ये भी बताया था कि अब टारगेट और चौकन्ना रहेगा।
22 जून:अमेरिकी राष्ट्रपति भारत से संबंध बेहतर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर के लिए बुलाते हैं।
24 जून से 29 जून:गुप्ता ने पन्नू का मारने का प्लान आगे बढ़वाया। उसकी निगरानी शुरू हुई।
30 जून:गुप्ता भारत से चेक रिपब्लिक गया, जहां अमेरिका के

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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