पूर्वांचल

मानस के दोहे व चौपाइयों से गूंज उठा संकट मोचन दरबार, सीताराम विवाह पंचमी पर नवाह पाठ का शुभारंभ

वाराणसी 17 दिसंबर: अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पंचमी तिथि जिसे हम सीताराम विवाह पंचमी के नाम से भी से भी जानते हैं पर रविवार को संकट मोचन मंदिर में मानस नवाह पाठ का शुभारंभ हुआ। प्रातः काल शंकर अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास के महंत प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्रा ने मानस पोथी, आचार्य एवं 118 मानस पाठ करने वालों करने वाले ब्राह्मणों का पूजा दर्शन करके किया। इसके पश्चात सीता राम विवाह पंचमी के अवसर पर श्री रामचरितमानस नवा पाठ का शुभारंभ हुआ। व्यास राघवेंद्र पांडे के आचार्यतव्य मे 18 118 ब्राह्मणों ने भगवान श्रीराम एवं सीता के विवाह का सुन्दर वर्णन दोहो व चौपाइयों के माध्यम से किया। पूरा मंदिर परिसर मानस के दोहे चौपाइयों से गूँज उठा। इस अवसर पर प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्रा ने कहा कि सीताराम विवाह पंचमी के अवसर पर संकट मोचन हनुमान मंदिर में प्रतिवर्ष मानस नवाह पाठ का आयोजन होता है जो 9 दिनों तक चलता है। साथ ही सायंकल मानस सम्मेलन का भी आयोजन होता है। उन्होंने कहा कि मानस को जीवन में उतारने से मानव का जहां कल्याण होता है वही सभी समस्याओं का समाधान होता है। उन्होंने कहा कि मानस को जीवन में उतरने से मानव का जीवन सुखमय बन जाता है। मानस पाठ के यजमान प्रेमचंद मेहरा ने महंत जी का माला अर्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर अरविंद मिश्र, डॉ अनूप मिश्रा, रामयश मिश्र, स्वर्ण प्रताप चतुर्वेदी विश्वनाथ यादव सहित काफी संख्या में भक्त उपस्थित थे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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